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छिंदवाड़ा

Shivratri: पाताल से प्रगट हुए थे शिव, मुख्यमंत्री पहुंचेंगे दर्शन के लिए

Shivratri: 250 वर्ष पुराना है पातालेश्वर मंदिर का इतिहास

छिंदवाड़ाFeb 17, 2020 / 10:51 am

prabha shankar

Shivratri: Shiva was revealed from hell

Shivratri: Shiva was revealed from hell

छिंदवाड़ा/ शहर के रेलवे स्टेशन के समीप स्थित पातालेश्वर मंदिर का इतिहास करीब 250 वर्ष पुराना है। पाताल से शिवलिंग प्रगट होने की वजह से इस मंदिर का नाम पातालेश्वर पड़ा। महाशिवरात्रि पर हर वर्ष यहां विशाल मेला लगता है। हजारों श्रद्धालु यहां शिवजी के दर्शन और जल अर्पित करने के लिए पहुंचते हैं। इस वर्ष भी मेले के लिए प्रबंधकारिणी समिति व प्रशासन द्वारा पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं।
करीब 250 वर्ष पहले गुजरात के एक ब्रह्मचारी नागा साधु गंगा गिरी बाबा यहां पहुंचे थे। यहां प्रवास के दौरान उन्होंने धूनी रमाई और शिव पूजा की। ऐसा बताया जाता है कि इसी दौरान रात में स्वप्न में उन्हें यहां शिवलिंग होने की जानकारी मिली। अगले दिन जब उन्होंने नियत स्थान पर खुदाई करवाई तो शिवलिंग मिला, जिसकी विधिवत स्थापना कराई गई। वर्तमान में पातालेश्वर मंदिर एक मठ के रूप में भी जाना जाता है। कभी यहां नेपाल के पंडाओं और तांत्रिकों का जमावड़ा लगता था। ये लोग अंचल और प्रदेश में मौजूद अपने शिष्य और यजमानों की समस्या के निवारण के लिए यहां विभिन्न तांत्रिक क्रियाएं और अनुष्ठान किया करते थे।

इस बार मेला स्थल में किया गया बदलाव
इस वर्ष शिवरात्रि पर
लगने वाले मेला स्थल में बदलाव किया गया है। पूर्व मेला अन्नपूर्णा मंदिर के सामने लगता था। वर्तमान में वहां रेलवे से सम्बंधित निर्माण जारी है। इसी वजह से इस बार मंदिर के समीप स्थित स्कूल के सामने मेला लगने की उम्मीद है। श्रद्धालुओं को यहां किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए समिति और प्रशासन के सहयोग से पर्याप्त व्यवस्था और सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। इनके अलावा शिवरात्रि पर व्रती श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह फलाहारी भंडारे का आयोजन किया जाता है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ पहुंचेंगे दर्शन के लिए
छिंदवाड़ा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ 21 फरवरी को शिवरात्रि पर पातालेश्वर मंदिर दर्शन के लिए पहुंचेंंगे। इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। यहां दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री शहर में आयोजित अन्य कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।

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