नरसिंहपुर रोड छिंदवाड़ा निवासी राजकुमार यादव ने बताया कि वे बेटी के उपचार के लिए भोपाल भी गए थे, लेकिन वहां से उन्हें वापस लौटा दिया गया था। डॉ. मनन गोगिया ने बताया कि मरीज की स्थिति काफी गंभीर थी, शरीर में मात्र तीन ग्राम खून था। इसके कारण पहले डॉ. जेएम श्रीवास्तव से इलाज कराया गया। 9 ग्राम खून शरीर में होने के बाद ही ऑपरेशन किया गया।
जिला अस्पताल के फीमेल सर्जिकल वार्ड में दस वर्षीय बच्ची भर्ती है। सडक़ हादसे में जख्मी बच्ची को शरीर के कुछ हिस्सों में फैक्चर है। आरोप है कि वार्ड में कई दिनों से भर्ती होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर पीडि़त का उपचार नहीं कर रहे है। बताया जाता है कि सर्जरी के लिए मरीज को रॉड लगाने की आवश्यकता है, लेकिन अस्पताल में उक्त सामग्री उपलब्ध नहीं होने से संबंधित डॉक्टर प्राइवेट हॉस्पिटल में उपचार के लिए दबाव बना रहे हंै। इसकी पीडि़ता परिजन ने शिकायत की है।