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Special Event : सीएम की मौजूदगी में कल मनेगा 63वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस, यह हैं तैयारियां

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 13, 2019 12:17:45 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

अम्बेडकर तिराहा पर होगा कार्यक्रम : भीम गीतों पर प्रस्तुति देंगे नागपुर के कलाकार

kamal nath

Madhya Pradesh Government Crisis: Chhattisgarh CM react on MP crisis

छिंदवाड़ा/ मप्र अजाक्स संघ जिला इकाई एवं डॉ. आंबेडकर समता विकास समिति छिंदवाड़ा के संयुक्त तत्वावधान में 14 अक्टूबर को 63वां धम्मचक प्रवर्तन दिवस का कार्यक्रम का आयोजन मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं सांसद नकुलनाथ के मुख्य आतिथ्य में स्थानीय डॉ.आंबेडकर के प्रतिमा के पास आम्बेडकर तिराहा परासिया रोड छिंदवाडा में किया जाएगा।
अजाक्स संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. पीआर चंदेलकर, डॉ. आंबेडकर समता विकास समिति के अध्यक्ष एसएल गेडाम और अजाक्स व बौद्ध समाज संगठन जिला सचिव सतीश गोंडाने ने बताया कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर सुबह आठ से 8.15 बजे तक माल्यार्पण, मोमबत्ती, अगरबत्ती प्रज्ज्वलन, सुबह 8.15 से 9 बजे तक पंचशील ध्वजारोहण एंव बुद्ध वंदना, नौ बजे भिमाया बुद्ध, भीम गीतों पर आधारित नागपुर के कलाकारों का सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। 10 बजे मुख्यमंत्री एवं सांसद आकर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण तत्पश्चात् मंचीय कार्यक्रम में शामिल होकर सामाजिक बंधुओं को संबोधित करेंगे। संगीतमय कार्यक्रम के बीच दोपहर एक बजे से भोजन दान-खीर दान का कार्यक्रम होगा। समिति के पदाधिकारी बीएस दवंडे, दादाराव मोटघरे, दिनेश भावरकर, एसएल खांडेकर, गुरुचरण खरे, प्रकाश मेहरोलिया, रमेश लोखंडे, राजेश सांगोडे, अनिरुद्ध दुफ ारे, सीके खादीकर, एआर गजभिये, प्रहलाद मर्सकोले, बीएस इवनाती, एनसी गजभिए, योगेश उइके ने सभी बौद्ध व आंबेडकर अनुयायियों से पूरे परिवार सहित शुभ, सफेद वस्त्र धारण कर कार्यक्रम में पहुंचने के लिए कहा है। यह पहला मौका है जब इस कार्यक्रम में सीएम सम्मिलित हो रहे हैं।
इस दिन हुई थी बुद्ध धर्म की पुन: स्थापना

समिति के पदाधिकारी डॉ.चंदेलकर एवं एसएस गेडाम ने बताया कि बोधिसत्व भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा नागपुर की दीक्षाभूमि पर 14 अक्टूबर 1956 को अशोका विजयी दशमी के ऐतिहासिक दिवस पर धम्मचक अनुपवत्तन कर बौद्ध धर्म को भारत में पुन:स्थापित किया गया था। छूआछूत व विषमतावादी धर्म को त्यागकर अपने पांच लाख अनुयायियों के साथ भंते चन्द्रमणि से बौद्ध धर्म की दीक्षा लेकर धर्मचक्र प्रवर्तन किया। आज देश के लाखों बहुजन और पिछड़ों के लिए एक मात्र बौद्धधम्म की मुक्तिपथ का मार्ग है।
सामाजिक संगठनों की होगी भागीदारी

इस कार्यक्रम में एक दर्जन से अधिक सामाजिक संगठन सहयोग कर रहे हैं। इनमें त्रिरत्न बुद्ध विहार समिति चंदनगांव, सुजाता महिला मंडल, सावित्रीबाई फुले महिला मंडल, नुन्हारिया मेहरा समाज, डेहरिया समाज, कतिया समाज, रविदास समाज, वाल्मिकी समाज, मातंग समाज, आदिवासी समाज, ओबीसी महासंघ, मेहरा महासंघ, गोंडवाना महासभा, भीम आर्मी, भीमसेना, अंतरराष्ट्रीय भीम आर्मी, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति, जनजाति युवा संघ एवं बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया शामिल है।
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