इस दिन हुई थी बुद्ध धर्म की पुन: स्थापना समिति के पदाधिकारी डॉ.चंदेलकर एवं एसएस गेडाम ने बताया कि बोधिसत्व भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा नागपुर की दीक्षाभूमि पर 14 अक्टूबर 1956 को अशोका विजयी दशमी के ऐतिहासिक दिवस पर धम्मचक अनुपवत्तन कर बौद्ध धर्म को भारत में पुन:स्थापित किया गया था। छूआछूत व विषमतावादी धर्म को त्यागकर अपने पांच लाख अनुयायियों के साथ भंते चन्द्रमणि से बौद्ध धर्म की दीक्षा लेकर धर्मचक्र प्रवर्तन किया। आज देश के लाखों बहुजन और पिछड़ों के लिए एक मात्र बौद्धधम्म की मुक्तिपथ का मार्ग है।
सामाजिक संगठनों की होगी भागीदारी इस कार्यक्रम में एक दर्जन से अधिक सामाजिक संगठन सहयोग कर रहे हैं। इनमें त्रिरत्न बुद्ध विहार समिति चंदनगांव, सुजाता महिला मंडल, सावित्रीबाई फुले महिला मंडल, नुन्हारिया मेहरा समाज, डेहरिया समाज, कतिया समाज, रविदास समाज, वाल्मिकी समाज, मातंग समाज, आदिवासी समाज, ओबीसी महासंघ, मेहरा महासंघ, गोंडवाना महासभा, भीम आर्मी, भीमसेना, अंतरराष्ट्रीय भीम आर्मी, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति, जनजाति युवा संघ एवं बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया शामिल है।