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छिंदवाड़ा

इस नदी को मिलेगा पुनर्जीवन, जानिए किस-किस क्षेत्र में होगा फायदा

नदी तटों में लगेंगे प्लांटेशन और बनेंगे तालाब व स्टॉपडैम

छिंदवाड़ाMay 19, 2019 / 12:40 am

prabha shankar

State government decision

State government decision

छिंदवाड़ा. जिले की प्रमुख नदियों में से एक कन्हान नदी के बहाव क्षेत्र को निर्बाध बनाए रखने और पानी के सदुपयोग करने की दिशा में राज्य शासन ने बड़ा कदम उठाया है। इस नदी को राज्य नदी पुनर्जीवन योजना में शामिल किया गया है। प्राथमिक चरण में परासिया, जुन्नारदेव और मोहखेड़ से गुजरती नदी के तटों के किनारे प्लांटेशन लगाए जाएंगे। फिर स्टॉपडैम और तालाबों का निर्माण किया जाएगा। इससे नदी संरक्षित होगी वहीं आसपास के इलाकों में पेयजल समस्या दूर होगी।
कन्हान नदी जुन्नारदेव विकास खंड में सतपुड़ा पर्वत शृंखला के पर्वतों से निकलती है। यह परासिया, मोहखेड़ के पश्चिमी भाग से बहती हुई देवगढ़ के सुप्रसिद्ध किले के पास से सौंसर तहसील में प्रवेश करती है। जहां से आगे बढक़र नागपुर व भण्डारा जिले में पहुंचती है। भण्डारा से लगभग 10 किलोमीटर दूर गोड़ीपरी के निकट वैनगंगा नदी में मिल जाती है। देखा जाए तो जिले के तीन विकासखण्डों में नदी की बहाव यात्रा ९० किमी है। इसमें ६० फीसदी एरिया वन क्षेत्र है और शेष राजस्व के अधीन आता है।
वर्तमान में अतिक्रमण,अवैध रेत उत्खनन समेत अन्य कारण से नदी तट सिमटता जा रहा है। इससे कहीं न कहीं जैव विविधता भी प्रभावित हुई है। इस नदी को पुनर्जीवन देने के लिए राज्य शासन द्वारा इसे प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए वन, राजस्व और पंचायत विभाग के अधिकारियों से प्रोजेक्ट बनाने के लिए कहा गया है।
प्रोजेक्ट को मनरेगा से मिलेगा बजट
कन्हान नदी के पुनर्जीवन के पहले चरण में इसके उद्गम जुन्नारदेव, फिर परासिया और मोहखेड़ के सांवरी-लावाघोघरी क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। इस नदी के किनारे अतिक्रमण, रेत उत्खनन जैसे कारणों का समाधान किया जाएगा वहीं प्लांटेशन, तालाब बनाए जाएंगे। इसके लिए मनरेगा से बजट उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए जिला पंचायत को भी इस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया है। वन विभाग की वन सुरक्षा समितियों के माध्यम से भी काम कराए जाएंगे।

जंगली क्षेत्र को चिह्नित करने का काम शुरू
वन विभाग द्वारा कन्हान नदी के किनारे प्लांटेशन, तालाब और स्टापडेम के लिए स्थलों का चयन शुरू कर दिया गया है। इन स्थलों पर प्रोजेक्ट प्रस्तावित कर राज्य शासन को भेजा जाएगा,जहां से विभागीय मंजूरी मिलेगी। अधिकारियों का कहना है कि इन प्रोजेक्ट से कन्हान नदी का बहाव क्षेत्र में आ रही बाधाएं दूर होंगी। इसके साथ ही ग्रामीणों और वन्य प्राणियों को पानी सहज सुलभ होगा।

कन्हान नदी के पुनर्जीवन के लिए राज्य शासन द्वारा प्रोजेक्ट मांगे गए हैं। हम प्लांटेशन,तालाब और स्टापडैम की कार्ययोजना बना रहे हैं। इससे अमल से नदी के संरक्षण के साथ पेयजल समस्या भी दूर होगी।
डॉ.किरण बिसेन, डीएफओ पश्चिम वनमण्डल छिंदवाड़ा

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