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छिंदवाड़ा

सन-डे बना रेनी-डे, इस बड़े बांध के खोले छह गेट

भादो में जमकर बरस रहे बदरा : चौबीस घंटे में 75 मिमी बारिश

छिंदवाड़ाAug 26, 2019 / 12:49 am

Rajendra Sharma

rain in chhindwara

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छिंदवाड़ा. भादो में मानसून जिले पर मेहरबान हो रहा है। लगातार बारिश से जलाशयों का जल-स्तर बढ़ रहा है। शनिवार के बाद रविवार को भी अच्छी बारिश हुई। जिले के चौरई क्षेत्र स्थित माचागोरा बांध के छह गेट खोलने पड़े।
अगस्त का महीना बारिश के हिसाब से अच्छा बीत रहा है। शनिवार और रविवार के दरमियान जिले में औसत 75 मिमी पानी बरसा है। रविवार तडक़े करीब चार बजे से अचानक घने बादल तेजी से बरसने लगे। सुबह लगभग ढाई घंटे तक बादल खूब बरसे। इसके बाद दोपहर 12 बजे फिर तेज बारिश शहर में शुरू हुई जो लगभग डेढ घंटे तक चली। इसके बाद भी कभी तेज तो कभी धीमी बूंदाबांदी होती रही जो शाम पांच बजे के बाद ही थमी। इस दौरान जिले के सौंसर में सबसे ज्यादा 80 मिमी वर्षा दर्ज की गई। दिनभर बारिश के बादल छाए रहने के कारण वातावरण में अचानक ठंडक छा गई।
तीन डिग्री सेल्सियस उतरा तापमान

जिले में शनिवार और रविवार को हुई बारिश ने दिन का तापमान उतार दिया है। रविवार को तो आसमान में दिनभर बादल छाए रहे। इस कारण अधिकतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस उतरकर 26 डिग्री सेल्सियस पर आ पहुंचा। न्यूनतम तापमान भी लगभग एक डिग्री सेल्सियस उतरकर 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
माचागोरा बांध

लगातार बारिश से माचागोरा डैम में पानी बढ़ता जा रहा है। इसके चलते रविवार शाम पांच बजे डैम के छह गेट 85 सेमी स्तर पर खोलने पड़े। डैम में अभी 625.35 मीटर का लेवल बना हुआ है। जल संसाधन विभाग के अनुसार डेम का निरीक्षण करने के लिए चीफ इंजीनियर राजेश श्रीवास्तव पहुंचे और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर डैम के लेवल की समीक्षा की और स्थानीय अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।
इस डैम का अधिकतम लेवल 625.75 मीटर है।
पेंच नदी

जिले के ग्रामीण क्षेत्र में भी शनिवार से तेज बारिश हो रही है। इससे पेंच नदी मेें आई बाढ़ से न्यूटन पुल के आसपास स्थित खेतों में पानी घुस गया, जिसके कारण फसल को भारी नुकसान हुआ है। वहीं नदी किनारे स्थित मोक्षधाम पानी में आधा डूब गया। हालांकि इन दो दिन में हुई तेज बारिश फसलों के लिए अच्छी मानी जा रही है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि तेज बारिश से मक्का व अन्य फसल में लगा कीट, इल्ली धुलकर बह जाता है, जिससे फसल की पैदावार अच्छी होती है।

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