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छिंदवाड़ा

Talent Talk: छोटी से बेटी ने देखा पिता के अरमानों को पूरा करने के सपने, पढ़ें पूरी खबर

कहती है…आइएएस बनूं, यह मेरा और पिता का है सपना

छिंदवाड़ाNov 23, 2020 / 11:53 am

Dinesh Sahu

Talent Talk: छोटी से बेटी ने देखा पिता के अरमानों को पूरा करने के सपने, पढ़ें पूरी खबर

Talent Talk: छोटी से बेटी ने देखा पिता के अरमानों को पूरा करने के सपने, पढ़ें पूरी खबर

छिंदवाड़ा/ बचपन से गणित और विज्ञान विषयों में रुचि रही, हर दिन समय-समय पर पढऩा और ब्रेक लेकर खेलना पंसद है। पिता चाहत है कि मैं आइएएस बनूं, जो अब मेरा भी सपना बन गया है। कलेक्टर क्या होता है, यह दिखाने एक बार पिता मुझे कलेक्टे्रट भी ले गए थे। पिता की प्रेरणा से लोगों की सेवा और सदभाव स्थापित करने आइएएस बनने की तैयारी करूंगी।
पुराने जनपद ऑफिस के सामने नरसिंहपुर रोड कैलाश नगर छिंदवाड़ा की छात्रा जया बघेल ने कक्षा दसवीं में 90.7 प्रतिशत अंक लेकर शासकीय छोटी एमएलबी का नाम रोशन किया। छात्रा जया कहती है कि कलेक्टर बनना इतना आसान नहीं होता, पर जितनी मेरी क्षमता है प्रयास करते रहूंगी। कभी असफलता भी मिली तो निराशा का हाथ नहीं थमूंगी।

सवाल – गणित विषय में 90 प्रतिशत अंक मिले, आपके लिए कितनी अहम है।
जवाब – गणित मेरे लिए रुचिकर विषय है तथा बिना कोचिंग लिए मैने यह सफलता हासिल की है। इसलिए यह मेरे लिए काफी अहम है। अभी कक्षा 11वीं में हूं और कोरोना की वजह से स्कूल नहीं लग रहे, पर मैं नियमित घर पर अध्ययन करती हूं।
सवाल – किस तरह स्वयं को बनाया खास –
जवाब – बहुत सारे विद्यार्थियों का मकसद सिर्फ परीक्षा पास करना होता है, उनका कोई लक्ष्य या सपना नहीं होता है। जबकि मैं पापा और स्वयं का लक्ष्य निर्धारित कर पढ़ाई कर रही हूं। इसलिए मैं अन्य से खास हूं। लोगों की हेल्प करना, देश के विकास में सहयोग देना आदि भी मेरा उद्देश्य है।
सवाल – पढ़ाई में नम्बर वन आने के लिए कोई टिप्स है।
जवाब – बच्चों को पढ़ाई में रुचि होना बहुत जरूरी है, बिना रूचि के कोई भी औपचारिकता पूरी करेगा। लेकिन सफलता का प्रयास नहीं करेगा। यह जरूरी नहीं कि दस से बारह घंटे पढ़ा जाए, पर जितना पढ़े वह पर्याप्त होना चाहिए। कभी असफल हो तो निराश न होकर कमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
सवाल – किसी क्षेत्र में आगे बढऩे में परिवार का सहयोग कितना अहम।
जवाब – परिवार से हमेशा पॉजिटिव सहयोग ही मिलते रहा है। पिता सेल्समेन और मां गृहणी है। फिर भी कभी किसी चीज की कमी का अहसास नहीं हुआ और उन्होंने हमेशा हौसला ही बढ़ाया।

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