डॉ. रजा ने बताया कि जिला अस्पताल उन्नयन के लिए पुराने निर्माण कार्यों को डिस्मेंटल करना है, इसलिए नई बिल्डिंग में फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जा रही है। साथ ही डीन डॉ. रजा ने बताया कि नई व्यवस्था बन जाने से मेडिकल तथा जिला अस्पताल के डॉक्टरों को कार्य करने में सुविधा होगी तथा मरीजों को भी आसानी से उचित उपचार मिल सकेगा।
लेटर ऑफ परमिशन को लेकर सभी अलर्ट
इधर एमसीआइ के भंग होने के बाद लेटर ऑफ परमिशन (एलओपी) को लेकर संशय बन गया था, लेकिन शासन ने विभिन्न संस्थान के सात वरिष्ठ डॉक्टरों की पैनल तैयार कर ली है। इन्हीं के निर्देश पर शासकीय तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालयों का निरीक्षण होने की सम्भावना जताई जा रही है।
डीन डॉ. रजा ने शीघ्र ही डॉक्टरों के निरीक्षण की सम्भावना जताई है। इधर ठेकेदार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग का लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। शासन की निर्धारित 22 माह की अवधि तक पूरा कार्य होने का अनुमान है।