हालांकि अब तक विभागीय स्तर से कोई पहल नहीं की गई है और न ही टीम गठित कर जांच कराई गई है। चिकित्सा अधिकारी ने निजी अस्पताला व नर्सिंग होम्स को उक्त संदर्भ में पत्र लिखकर औपचारिकता पूरी कर ली है। दरअसल निजी चिकित्सालयों से शासकीय डॉक्टरों के कार्य करने की जानकारी उपलब्ध कराने पर सवालियां निशान लगाया जा रहा है।
शासन के निर्देशानुसार निजी संस्थाओं को मप्र उपचर्यागृह तथा रूजोपचार सम्बंधी स्थापना (रजिस्ट्रीकर तथा अनुज्ञापन) नियम 1997 के शेड्यूल 3 नियम 18 की धारा 6 के प्रावधान अनुसार संबंधित डॉक्टरों को किए गए भुगतान की विस्तृत जानकारी लिखित रूप में देना अनिवार्य है। इसके अलावा जिलास्तरीय मॉनिटरिंग टीम द्वारा नियमित रूप से परीक्षण किया जा रहा है या नहीं तथा नियमों का पालन हो रहा है या नहीं आदि की जानकारी भी उपलब्ध कराना है।