गौरतलब है कि बारिश होने के बाद भी मरीज समय से पूर्व लाइन लगाकर डॉक्टरों के इंतजार में सम्बंधित विभाग के सामने खड़े थे। कहा जा रहा है कि जिला प्रशासन व चिकित्सा अधिकारियों की मॉनिटरिंग नहीं किए जाने के कारण भी यह स्थिति बनी हुई है।
संक्रमण, वायरल तथा अन्य बीमारियों के उपचार के ओपीडी कक्ष क्रमांक – ०४ में संचालित भेषज चिकित्सा कक्ष में शाम ५.३० बजे तक कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, जबकि मरीज इंतजार में खडे़ रहे।
शिशुओं से सम्बंधित रोगों की जांच एवं उपचार के ओपीडी कक्ष क्रमांक-१० के शिशु रोग चिकित्सा विभाग में शाम ५.३५ बजे तक कोई डॉक्टर उपस्थित नहीं था।
मनोरोगियों की जांच, उपचार तथा मार्ग से भटकने वाले रोगियों के मागदर्शन के लिए बनाई गई ओपीडी कक्ष क्रमांक- ३० में सुबह १०.३० तक कोई डॉक्टर न नर्स मौजूद थे।
जिला अस्पताल में दांतों की समस्या से पीडि़त के उपचार के बनी ओपीडी कक्ष क्रमांक – १९ में शाम ५.४२ बजे कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था।
हृदय रोग, वृद्धजन समेत सघन चिकित्सा जांच एवं उपचार की ओपीडी कक्ष क्रमांक- १६ में स्थिति एनसीडी विभाग में भी शाम को ५.४० बजे कोई डॉक्टर उपस्थित नहीं था। मरीज इंतजार में डॉक्टर के चेम्बर में बैठे रहे।
हड्डी रोगों से पीडि़त मरीजों की विभिन्न जांच एवं उपचार की आेपीडी कक्ष क्रमांक- १३ में सुबह १०.१५ बजे तक कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। आरएमओ ने दिया स्वच्छता प्रशिक्षण स्वच्छता पखवाड़ा अंतर्गत मंगलवार को जिला अस्पताल की ट्रामा यूनिट में आरएमओ डॉ. सुशील दुबे ने स्टाफ नर्स समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को स्वच्छता का सबक सिखाया तथा परिसर में साफ-सफाई बनाए रखने के निर्देश दिए।