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छिंदवाड़ा

एसडीएम की जांच में लाखों रुपए का घोटाला उजागर, फिर भी 13 माह से बच रहे छह जिम्मेदार

जांच प्रतिवेदन लेकर 13 माह से घूम रहे पीडि़त: जिला पंचायत सीइओ के पास पहुंचे ग्रामीणजन

छिंदवाड़ाJul 16, 2019 / 12:03 pm

Rajendra Sharma

rajasthan news

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छिंदवाड़ा. जनपद पंचायत छिंदवाड़ा के अधीन ग्राम पंचायत मानेगांव में हुए लाखों रुपए के घोटाले के दोषियों को अभी तक न सस्पेंड किया गया है और न ही किसी की एफआइआर हुई है। तत्कालीन एसडीएम की जांच का प्रतिवेदन जिला पंचायत में पहुंचकर दब गया है। इसे लेकर ग्रामीणजनों का दल हाल ही में जिला पंचायत सीइओ डॉ. वरदमूर्ति मिश्रा से मिला और उनसे दोषियों को दंडित करने की मांग की।
इस पूरे मामले को उठाने वाले ग्रामीण राकेश सूर्यवंशी ने जिला पंचायत सीइओ को बताया कि छह मार्च 2018 को ग्राम पंचायत मानेगांव में भ्रष्टाचार करने की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। उनके आदेश पर तत्कालीन एसडीएम राजेश शाही और आरइएस के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डीके मुढिय़ा ने पंचायत पहुंचकर जांच की थी। इसके बाद एसडीएम ने अपने जांच प्रतिवेदन में यह स्पष्ट रूप से लिखा कि मानेगांव में सुदूर ग्राम सडक़ सम्पर्क योजना के अधीन पानी टंकी मोहल्ला से भारियाटोला पहुंच मार्ग के निर्माण में 3,86,280 रुपए का अधिक मूल्यांकन कर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया है। खेल मैदान खिरका मोहल्ला के समीप 252349 रुपए का दुरुपयोग हुआ है।
टैंकर बेच दिया

तालाब जीर्णोद्धार खिरका तालाब भी स्वीकृति अनुसार अपूर्ण है। इसमें नौ मजदूरों की राशि 13884 रुपए संदिग्ध है। इसके अलावा पूर्व विधायक छिंदवाड़ा द्वारा ग्राम पंचायत को दिया गया टैंकर भी किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया गया है। इसकी पुलिस एफआइआर की प्रति प्रस्तुत नहीं की है। यह प्रथम दृष्टया शासकीय सम्पत्ति के गबन का मामला प्रतीत होता है।
एसडीएम ने यह जांच प्रतिवेदन दिया था

इस जांच प्रतिवेदन में एसडीएम ने पाया कि सभी कार्यों में 652513 रुपए का दुरुपयोग किया गया है। इसकी रिकवरी तत्कालीन सहायक यंत्री प्रभाकर घोड़े, उपयंत्री किरण गजभिये, सहायक यंत्री एलसी मरावी, सरपंच, सचिव एवं सहायक सचिव से की जानी चाहिए। एसडीएम ने यह जांच प्रतिवेदन उस समय कलेक्टर को दिया था।
सूर्यवंशी का कहना है कि इस समय यह जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत की फाइलों में दबा हुआ है। अभी तक दोषियों को न सस्पेंड किया गया और न ही उनकी एफआइआर कराई गई है। इस पर पुन: जिला पंचायत सीइओ डॉ. वरदमूर्ति मिश्रा का ध्यान दिलाया गया है।

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