उमरेठ थाना में पदस्थ रहे एक सब इंस्पेक्टर का करीब तीन वर्ष पहले प्रमोशन हुआ और वे यहां से चले गए। फिलहाल अधिकारी का शासकीय आवास पर कब्जा बना हुआ है। सामान खाली नहीं किया और उसमें ताला भी लटका हुआ है। इसके अलावा एक अन्य एएसआई भी हैं जिसने स्थानांतरण होने के बाद भी शासकीय आवास खाली नहीं किया। यह हालत पुलिस लाइन के शासकीय आवासों की है। क्वार्टर अलाट करने के लिए विभाग के अधिकारी छोटे कर्मचारियों को नियम और कानून का पाठ पढ़ा रहे हैं।
जिले के विभिन्न थानों में पदस्थ थाना प्रभारियों को पुलिस लाइन में भी शासकीय आवास आवंटित है। इसके अलावा अन्य अधिकारियों के लिए भी आवास उपलब्ध हंै। थाना स्तर पर भी प्रभारियों को आवास दिए गए हैं। एक अधिकारी को दो स्थानों पर आवास मुहैया कराए गए हैं। वहीं कई ऐसे हैं जो दो की बात तो दूर एक आवास के लिए सालों से इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह स्थिति वर्षों से बनी हुई है जिस पर किसी का ध्यान नहीं है।
लाइन में थाना प्रभारी के आवास है
अधिकांश थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों के पुलिस लाइन में आवास हैं। थाना स्तर पर उन्हें क्वार्टर आवंटित है या नहीं इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। स्थानांतरण होकर जा चुके अधिकारियों ने आवास खाली नहीं किया इसकी जानकारी नहीं है देखना पड़ेगा।
लाल बहादुर बौद्ध, आरआई, पुलिस लाइन, छिंदवाड़ा