परामर्श केन्द्र में सुनवाई के लिए दस प्रकरण रखे गए थे। चार मामलों में दोनों पक्षों की सुनवाई की गई। दो प्रकरण में समझौता हुआ एवं एक में सोचने का वक्त दिया गया है। साल 2017 में शादी हुई 8 माह की बेटी है पति शराब पीकर मारपीट करता है। पत्नी ने बताया कि पति की लापरवाही से एक बेटे की मौत हो चुकी। बेटी का जन्म होने से अधिक परेशान किया जा रहा है। दोनों को न्यायालय जाने को कहा गया। एक अन्य प्रकरण में पत्नी मोबाइल पर अधिक बात करती थीं पति ने मोबाइल छीन लिया तो पत्नी 6 माह पहले मायके चली गई। पति के आवेदन पर पत्नी ने कहा मुझे मोबाइल दोगे तभी साथ चलूंगी। पति मोबाइल देने को राजी हुआ जिसके बाद मामला सुलझ गया।
पति-पत्नी दोनों ने दी शिकायतपति
पत्नी ने एक दूसरे के खिलाफ शिकायत की है। दोनों साथ में रहते हैं, शादी को 6 साल हो चुके और दो बच्चे हैं। पत्नी ने बताया पति शराब पीकर मारपीट करता है। पति ने बताया कि वह सब्जी का धंधा करता है जो कमाई होती है वह पत्नी को देता है, लेकिन पत्नी सारी आमदानी उसके सास, ससुर, देवर एवं ननद पर खर्च कर देती है। पति को यह पसंद नहीं है वह चाहता है, कि पत्नी अलग खाना बनाए रुपए अपने बच्चों पर खर्च करें पर पत्नी सास, ससुर के साथ रहना चाहती है। इस पर पति ने कहा कि वह अपनी कमाई पत्नी को नहीं देगा। दोनों को सोचने का वक्त दिया गया है। सुनवाई काउंसलर नीलू यादव, डब्ल्यूएस ब्राउन एवं सुमन तिवारी ने की।