scriptForest: देवगढ़ के जंगल में बहुत कुछ हैं खास, क्या है वो पढ़ें यह खबर | There are many things in the forest of Deogarh, read this news | Patrika News
छिंदवाड़ा

Forest: देवगढ़ के जंगल में बहुत कुछ हैं खास, क्या है वो पढ़ें यह खबर

देवगढ़ में प्राकृतिक संपदा भरपूर हैं, यहां ऐसे औषधीय पौधे हैं, जो गम्भीर से गम्भीर बीमारी को सुधारने में काम आ सकते हैं,

छिंदवाड़ाDec 03, 2020 / 11:04 am

babanrao pathe

Forest: देवगढ़ के जंगल में बहुत कुछ हैं खास, क्या है वो पढ़ें यह खबर

देवगढ़ में प्राकृतिक संपदा भरपूर हैं, यहां ऐसे औषधीय पौधे हैं, जो गम्भीर से गम्भीर बीमारी को सुधारने में काम आ सकते हैं,

छिंदवाड़ा. देवगढ़ में प्राकृतिक संपदा भरपूर हैं, यहां ऐसे औषधीय पौधे हैं, जो गम्भीर से गम्भीर बीमारी को सुधारने में काम आ सकते हैं, बस उनके इस्तेमाल का तरीका पता होना चाहिए। कुछ स्थानीय बुजुर्ग आज भी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करते हैं। पड़ोस के गांव में कुछ वैध भी हैं जो इन्हीं औषधीय पौधों से दवा तैयार करते हैं।

चारों तरफ घना जंगल बीच में बसा देवगढ़ गांव अपनी एक अलग पहचान रखता है। ऐतिहासिक किला और बावढिय़ों के अलावा और भी कई चीजें हैं, जो सामान्य तौर पर अन्य गांव में नहीं मिलती। यहां का रहन-सहन और जीवन शैली भी अलग है, जो लोगों को अपनी ओर आकृषित करती हैं। देवगढ़ के जंगल में पाए जाने वाले वानिकी पौधे, आयुर्वेदिक पौधे, जंगली पशु और जंगल पक्षियों की सूची तैयार हो चुकी हैं, जिसे सेंटर ऑफ साइंस फॉर विलेजेस वर्धा महाराष्ट्र भेजा गया हैं। कुछ और भी जानकारियां जुटाने के साथ ही गतिविधियों के संचालन की योजना भी तैयार की जा रही हैं। देवगढ़ को ग्रामीण पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें गांव के लोगों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा हैं।

देवगढ़ की प्राकृतिक संपदा
देवगढ़ के जंगल में वानिकी पौधों में सागौन, धावड़ा, सलेरा, लेन्डिया, जोयडा, किररा, कारई, साज, धामन एवं कुल्लू के पेड़ हैं। औषधीय पौधों में कालमेघ, सतावर, मालफांगनी, कलीलरी, सफेद मूसली, भौरमाल पाए जाते हैं। जंगली पशु में तेंदुआ, नीलगाय, लंगूर, भेड़की, लकड़ बग्घा, लोमड़ी, सियार एवं खरगोश हैं। जंगली पक्षी में मोर, जंगली मुर्गी, तीतर, कबूतर, कंठ फौडवा, फंड़की, नीलकंठ एवं तोता पाए जाते हैं। इन सभी प्रजातियों को यहां साल के बारहों महीना देखा जा सकता हैं।

वनसंपदा से जुड़ी जानकारी जुटाई
फिलहाल वनसंपदा से जुड़ी जानकारी जुटाकर सेंटर ऑफ साइंस फॉर विलेजेस वर्धा महाराष्ट्र को भेजी गई हैं। अन्य गतिविधियों को लेकर भी काम जारी हैं।
-गजेन्द्र सिंह नागेश, सीइओ, जिला पंचायत, छिंदवाड़ा

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