सरकारी अस्पतालों में ब्लड प्रेशर और बुखार की दवा तक नहीं
परासिया क्षेत्र के अधिकांश सरकारी अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन विभाग के आला अधिकारी दवाओं की आपूर्ति में रूचि नहीं ले रहे। इससे निर्धन वर्ग के मरीजों को अत्यंत परेशानी का सामना करना पड रहा है।
There is not even medicine for blood pressure and fever in government hospitals.
छिंदवाड़ा/परासिया. क्षेत्र के अधिकांश सरकारी अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाएं उपलब्ध नहीं होने
के कारण मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन विभाग के आला अधिकारी दवाओं की आपूर्ति में रूचि नहीं ले रहे। इससे निर्धन वर्ग के मरीजों को अत्यंत परेशानी का सामना करना पड रहा है। पूरे विकासखंड में सिविल अस्पताल सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और हैल्थ वेलनेस सेंटर में पर्याप्त दवाएं नहीं है। डायबिटिज, ब्लड प्रेशर, बुखार, दर्द निवारक जैसी आम दवाएं तक नहीं है। विकासखंड मे दो सिविल अस्पताल परासिया और चांदामेटा में है। प्रतिदिन परासिया में औसतन 175 तथा चांदामेटा में 125 मरीज आते है। इसी तरह 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं जहां प्रतिदिन लगभग 600 मरीज आते हैं। 31 उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं। इस तरह एक दिन में कुल 1 हजार 600 से अधिक मरीज आते हैं। चांदामेटा निवासी अताउर रहमान ने बताया कि अस्पताल जाने पर बताया जाता है कि आगे से दवाइयां नही आ रही हैं। रोगियों को मार्केट से दवा खरीदनी पड़ती है। ग्रामीण इलाकों में आशा कार्यकर्ताओं को जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन इनके पास भी दवाओं का टोटा बना हुआ है।कभी-कभी दवाइयों की कमियां हो जाती है जिनकी पूर्ति कराने में समस्या आती है। जहां दवाइयों की कमी है वहां जल्द से जल्द दवाइयों को पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।जीसी चौरसिया, सीएमएचओ, जिला चिकित्सालय छिंदवाड़ा
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