विभागीय रिपोर्ट के अनुसार उक्त मामला प्रकाश में आया है, जिसमें प्रोविजनल डाइस डाटा वर्ष 2018-19 के अनुसार प्रदेश के कई शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक शालाओं में बालक-बालिका शौचालय, पेयजल स्रोत तथा बिजली कनेक्शन नहीं है। बताया जाता है कि प्रदेश के 6957 स्कूलों में बालक तथा 4253 में बालिका शौचालय, 14002 में पेयजल स्रोत तथा 79041 स्कूलों में विद्युत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
जिले के 2620 स्कूलों में नहीं बिजली कनेक्शन इसमें छिंदवाड़ा के 330 बालक, 216 बालिका स्कूलों में शौचालय, 746 में पेयजल स्रोत तथा 2620 में बिजली नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017-18 के डाइस डाटा में बालक एवं बालिका शौचालयों के गेप की जानकारी गूगल सीट पर उपलब्ध कराई गई थी। जिसके अनुसार प्रदेश में 2341 बालक, 1624 बालिका शौचालयों की आवश्यकता बताई गई थी।
वर्ष 2018-19 में पंचायत राज संचालनालय ने ग्रामीण क्षेत्र की शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक शालाओं में 2285 बालक तथा 1591 बालिका शौचालयों की स्वीकृति दी है तथा शहरी क्षेत्र की शालाओं में शेष 56 बालक एवं 33 बालिका शौचालयों की स्वीकृति समग्र शिक्षा अभियान द्वारा की गई है।