Lockdown:लॉकडाउन से मुरझाया जिले का यह बाजार
कोरोना महामारी से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण सभी उद्योग और धंधे प्रभावित है। किसानों की फसल खेतों में सड़ रही। फूलों का बाजार मुरझा चुका है।
छिंदवाड़ा. कोरोना महामारी से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण सभी उद्योग और धंधे प्रभावित है। किसानों की फसल खेतों में सड़ रही। फूलों का बाजार मुरझा चुका है। इसी सीजन में सबसे अधिक फूल की मांग और खपत होती है, लेकिन लॉकडाउन के कारण इस बार महत्वपूर्ण त्योहार नवरात्र, रामनवमीं और हनुमान जयंती पर भी मंदिर के फाटक बंद रहे। तय हुई शादियां भी टाल दी गई है।
फूल का बाजार फरवरी माह से रफ्तार पकड़ता है। मार्च और अप्रैल माह में प्रमुख त्योहार के साथ ही शादी भी अधिक होती है। इन सभी कार्यक्रम में फूलों की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। लॉकडाउन के बीच ही सारे त्योहार सम्पन्न हुए हैं और मंदिरों के फाटक बंद है। लोग मंदिर तक नहीं पहुंच पाए और फूलों की दुकान भी बंद है। तय हुई शादियां भी टाल दी गई है। जसके कारण फूलों का बाजार पूरी तरह से मुरझा चुका है। इस व्यापार से जुड़े लोगों अब लॉकडाउन खुलने और सबकुछ सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद की एक किरण उनके पास अब शेष है कि अगर लॉकडाउन खुला तो मई और जून में कुछ शादी होगी जिसमें उनका व्यापार फिर से खिलने के साथ ही महक उठेगा।
जिले में होती है खेती
गुलाब, पीली सेवंती के अलावा कुछ अन्य फूलों की खेती भी जिले में होती है। बाजार में मांग नहीं होने के कारण फूलों की खेती करने वाले किसान फूल तोड़कर फेंक रहे हैं, क्योंकि इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। एक साथ कई लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है। स्वयं और दूसरों की सुरक्षा के लिए वे भी अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं।
नागपुर से आते और जाते हैं फूल
जिले में सभी फूलों का उत्पादन नहीं होता, जिसके कारण नागपुर की मंडी से फूल खरीदकर लाए जाते हैं। कुछ किसान गुलाब के फूल यहां से नागपुर की मंडी भेजते हैं। फिलहाल दोनों तरफ से फूलों का बाजार ठप पड़ा है। छिंदवाड़ा से फूल नागपुर जा रहे और न ही वहां से आ रहे हैं।
लाखों रुपए का कारोबार
फूल और माला के थोक विक्रेता दादाजी फूल भण्डार के मालिक रिम्मी मालवीय ने बताया कि फूल का कारोबार इस सीजन में लाखों रुपए का होता है। लॉकडाउन के कारण इस बार एक फूल भी नहीं बेच पाए हैं। शादी में स्टेज से लेकर गेट तक फूल से सजाए जाते हैं जिसके कारण खपत बहुत अधिक होती है। फूल के व्यवसाय से जुड़ी प्रत्येक दुकान का व्यापार प्रतिदिन का कम से कम पांच हजार रुपए का होता है।
फूल दाम प्रति किलो
सेवनती 80-100
गुलाब 200
पीली सेवनती 60-70
रजनी गांधा 300
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