23 अगस्त को डाक के माध्यम से यह कार्यालय को प्राप्त हुई है। उल्लेखनीय है कि जिला शालेय खेल अधिकारी झिरवार ने खेल गतिविधियों के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन उसका कोई बिल बाउचर या रिकॉर्ड विभाग को प्रस्तुत नहीं किया। मामले में सीएम हेल्पलाइन की शिकायत की गई थी। निराकरण नहीं होने पर वह लेवल-४ तक पहुंच गई थी।
वित्तीय अनियमितताओं के मामले में आयुक्त आशुतोष अवस्थी ने की कार्रवाई, जिला शालेय खेल अधिकारी हरिओम झिरवार निलम्बित हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी ने खेल अधिकारी झिरवार को किए गए खर्चों के बिल-बाउचर तथा कैशबुक प्रस्तुत करने का मौका दिया, लेकिन खेल अधिकारी ने मामले को गम्भीरता से नहीं लिया। मामले में पत्रिका ने कई बार खबर प्रकाशित कर सम्बंधित अधिकारियों के ध्यान में मामला लाया था।
सवा लाख का नहीं मिला रेकॉर्ड
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अनुसार जिला शालेय खेल अधिकारी ने एक लाख 33 हजार 183 रुपए का लेखाजोखा प्रस्तुत नहीं किया है। इस मामले में उन्हें पांच बार नोटिस दिया गया था तथा जांच के लिए पांच अधिकारियों की टीम गठित की गई थी, लेकिन एक बार भी खेल अधिकारी जवाब देने उपस्थित नहीं हुए थे। इसके बाद डीइओ बघेल ने प्रकरण को उच्चस्तरीय कार्रवाई के लिए लोक शिक्षण संचालनालय को भेज दिया था।
इन्हें सौंपी थी जांच की जिम्मेदारी
1. केआर गाडग़े, प्राचार्य पलटवाड़ा
2. जेपी यादव, प्राचार्य सारंग बिहरी
3. सुरेश अल्डक, लेखापाल
4. अविनाश ठाकरे, सहायक ग्रेड-2