script411 करोड़ की इस परियोजना पर लगा है ग्रहण | This project of 411 crores has been eclipsed | Patrika News
छिंदवाड़ा

411 करोड़ की इस परियोजना पर लगा है ग्रहण

पेंच-कन्हान क्षेत्र वर्तमान में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। खदानें बंद हो रही है और नए प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो रहा है।

छिंदवाड़ाJan 21, 2020 / 04:52 pm

Sanjay Kumar Dandale

coal mine

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छिंदवाड़ा/परासिया/पेंच-कन्हान क्षेत्र वर्तमान में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। खदानें बंद हो रही है और नए प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो रहा है। 411 करोड़ की इस परियोजना को ग्रहण लगा है दशकों पूर्व से खदानों में श्रमिक वर्ग की भर्ती बंद है, और सालाना लगभग एक हजार लोग सेवानिवृत्त हो रहे है। कोयलांचल में मेनपावर हर साल घट रहा है जिसका असर आर्थिक गतिविधियों पर पड़ रहा है।
कोयला उत्पादन नाम मात्र का होने से ट्रांसपोर्ट और उससे जुडा व्यवसाय अंतिम सांसे गिन रहा है। हैरानी की बात यह है कि जिन प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिल चुकी है बजट लोकेट हो चुका है उनपर भी काम शुरू नहीं हो पाया है यही हाल उन नई खदानों का है जिन पर करोड़ों रुपए व्यय किए जा चुके है लेकिन उनमें भी तकनीकी अथवा प्रशासकीय दिक्कतों के चलते काम बंद है। इसमें चालू खदानों में इकलेहरा, शिवपुरी, ङ्क्षछदा, उरधन शामिल है।
पेंच क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिगत कोयला खदान जमुनिया पठार में ड्रिफ्टिंग का कार्य ठेकेदार ने बंद कर दिया है। पिछले साढ़े चार वर्ष से खदान प्रारंभ करने के लिए खुदाई का काम किया जा रहा है लेकिन भूगर्भीय स्थिति और ठेकेदार द्वारा रूचि नहीं लेने के कारण कार्य तीव्र गति से नहीं हुआ। वर्तमान में 1800 मीटर सुरंग बनाने में मात्र 400 मीटर कार्य हो पाया है। जमुनिया पठार में दो इंकलाइन पर काम हो रहा है, इंकलाइन क्र 1 में दो सौ मीटर काम होने के बाद पिछले एक वर्ष से काम बंद कर दिया गया है।
इसी तरह इंकलाइन क्र 2 में लगभग 180 मी काम हुआ है और मिटटी का पैच आ जाने से पिछले दस माह से काम बंद कर दिया गया है। यहां पर साइड वॉल बनाने का काम किया जा चुका है। दोनों इंकलाइन में खुदाई के बाद मिटटी धसकने लगी, सुरक्षा की दृष्टि से काम बंद कर दिया गया है। वेकोलि डायरेक्टर टेक्निकल ने खदान का निरीक्षण किया और नई डिजाइन बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। सीएमपीडीआईएल से संपर्क किया गया जिसके बाद नई डिजायन बनाने की तैयारी शुरू की गई लेकिन अभी तक टेक्नीकल स्कूटनी तक नहीं हो पाई है।

411 करोड़ की है परियोजना
जमुनिया पठार खदान का भूमिपूजन 28 फरवरी 2024 को तत्कालीन कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ द्वारा किया गया था। 411 करोड़ खर्च कर खदान से 0.70 मिलीयन टन कोयला निकालने की योजना है। खदान की आयु 37 वर्ष आंकी गई है। जमीन अधिग्रहण पर किसानों को लगभग 15 करोड़ भुगतान की स्वीकृति दी गई। इस खदान में जमीन के बदले नौकरी देने के लिए शुरू में 22 लोगों का प्रावधान किया गया था लेकिन बाद में राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते 227 लोगों को नौकरी प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

खदान में मिटटी उत्खनन के दौरान भौगोलिक अवरोध उत्पन्न होने के कारण कार्य रुका हुआ है। तकनीकी समीक्षा के बाद एप्रुवल मिलेगा। यह मामला वेकोलि मुख्यालय के अधिकारियों के संज्ञान में है वहीं से कार्यवाही की जाएगी।
राजेश श्रीवास्तव, खान प्रबंधक

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