तकनीकी विशेषज्ञों की समीक्षा के बाद नई खदानें
वेकोलि द्वारा गत चार वर्षों में 20 नई परियोजनाएं चालू की गईं। इनके द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष में 32 मिलियन टन कोयला उत्पादन में योगदान दिया जाएगा। नई खदानें खोलने के क्रम में मप्र की छह खदानें चिह्नित की गईं, लेकिन तकनीकी तथा आर्थिक रूप से खनन लाभप्रद न होने के कारण इनकी शुरुआत करने में कठिनाई हो रही थी। वेकोलि-सीएमपीडीआई के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा एवं पुनर्विचार के बाद अब ये खदानें खुलने के लिए तैयार हैं।
खदानें बंद होने से गिरा कोयला उत्पादन
वर्तमान में वेकोलि के मप्र क्षेत्र में पाथाखेड़ा, पेंच एवं कन्हान क्षेत्र में 16 खदानें हैं जिनमें 12 भूमिगत एवं चार खुली खदानें हैं। विगत वर्षों में कई खदानों में कोयले के भंडार की समाप्ति एवं सुरक्षा की दृष्टि से खदानें बंद हुई। इनके कारण वर्ष 2015-16 के 6.63 मिलियन टन के उत्पादन से ये खदानें 2017-18 में 4.2 मिलियन टन पर आ गईं।
1575 करोड़ निवेश से आठ सौ को रोजगार
वेकोलि का दावा है कि छिंदवाड़ा जिला स्थित कन्हान क्षेत्र की शारदा भूमिगत खदान, पेंच क्षेत्र की धनकसा भूमिगत, विष्णुपुरी भूमिगत से खुली खदान,कन्हान क्षेत्र की नारायणी एक्सपेंशन खुली खदान एवं बैतूल जिला स्थित तवा-3 तथा गांधीग्राम भूमिगत खदानों पर 1575 करोड़ रुपए निवेश की योजना है। इनकी क्षमता 11 मिलियन टन है। इनमें करीब 800 लोगों को रोजगार मिलेगा। ये खदानें करीब 25-30 वर्षों तक चलेंगी। इन छह नयी खदानों की उत्पादन क्षमता 6.77 मिलियन टन है। इन तीनों क्षेत्रों की उत्पादन क्षमता बढ़ कर 11 मिलियन टन हो जाएगी।