दो किमी तक लटकाकर लाना पड़ता है बीमार को
आज भी दूरस्थ क्षेत्र में एम्बुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है।
खैरवानी/हनोतिया . शासन ने भले ही गांव-गांव में सुविधा उपलब्ध करा दी है लेकिन कुछ गांवों आज भी सुविधाओं से महरूम है। यहां आज भी चौपहिया वाहन नहीं पहुंच पाते है।
ऐसे में सबसे अधिक परेशानी मरीजों और गर्भवती महिलाओं और उनके परिजन को होती है। आज भी दूरस्थ क्षेत्र में एम्बुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है। ऐसा ही एक गांव जुन्नारदेव तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत सांगाखेड़ा से 18 किमी दूर गन्नौर है। यहां एम्बुलेंस की टीम ने टीवी बीमारी से ग्रसित देवा सिंह पिता शंकर दशमा 60 वर्ष को गांव तक पहुंच मार्ग नहीं होने पर नदी पार कर गांव वालों की मदद से एम्बुलेंस तक लाया। आज भी यहां मरीजों, प्रसूताओं को दूसरे शहर-गांव अस्पताल तक झोली में लटकाकर या खाट पर लादकर सात किमी पैदल चलना पड़ता है, तब कहीं वे सड़क पर पहुंचते हैं। मरीज को टोली में बैठाकर लाने में 108 दमुआ स्टाफ के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन सूरज विश्वकर्मा, पायलट अखिल परतेती ने मरीज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुन्नारदेव में भर्ती कराया जहां उसका उपचार जारी है।
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