पुष्य नक्षत्र को ड्रॉप पिलाने पर चमत्कारिक परिणाम
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ.प्रियंका धुर्वे ने बताया कि स्वर्ण भस्म शरीर के प्रत्येक टिस्सु और कोशिका में प्रवेश कर वहां के असंतुलन या विकृति को सही करती है। यह ड्रॉप पुष्य नक्षत्र पर पिलाई जाए तो इसके विशेष चमत्कार देखने को मिलते हैं क्योंकि इस दिन ग्रहों की शक्तियां ज्यादा होती हैं। पुष्य नक्षत्र हर महीने में एक बार आता है इसलिए पुष्य नक्षत्र पर बच्चों को लगातार
पांच से सात साल तक यह ड्रॉप पिलाने से शरीर के प्रत्येक अंग-प्रत्यंग की शक्ति और क्षमताओं की वृद्धि करती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है।
स्वर्णप्राशन ड्रॉप के लाभ
स्वर्णप्राशन का उपयोग विकृतियों को ठीक कर बीमार या विकृत कोशिकाओं को पुन: सक्रिय एवं जीवंतता प्रदान करता है। शरीर में विकृति स्वरूप ट्यूमर इत्यादि की सेल्स को नष्ट करता है। यानी कैंसर आदि रोगों से बचाता है। यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शरीर में कई प्रकार के विषैले पदार्थों को दूर करता है। सूजन की प्रक्रिया को रोकता है। याददाश्त और एकाग्रता को बढ़ाता है। इससे अध्ययनरत बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हार्ट मसल्स को शक्ति देता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।
क्या है स्वर्णप्राशन ड्रॉप
शहद और घी में स्वर्ण भस्म को मिलाकर यह ड्रॉप तैयार की गई है। साथ ही इसमें कुछ टॉनिक मिलाए गए हैं जो मेधा शक्ति को बढ़ाते हैं। शोध के अनुसार मस्तिष्क और आंखों के विकास में स्वर्णप्राशन का विशेष महत्व है। आधुनिक शोध रिसर्च के अनुसार घी में विद्यमान डीएचए और ओमेगा थ्री फैट्टी एसिड डवलपिंग ब्रेन और रेटिनल टिसु के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देता है। साथ ही शहद और घी शरीर में रोगाणुओं से लडऩे के लिए शरीर में एंटीबॉडीज की प्रक्रिया को उत्प्रेरित करते हैं।