छिंदवाड़ा. न्यू ईयर को कुछ घंटे शेष हैं। घरेलू महिलाओं से लेकर वर्किंग यंगस्टर्स के बीच फस्र्ट जनवरी सेलिब्रेशन की प्लानिंग चल रही है। सोशल मीडिया पर भी फ्रेंड्स ग्रुप के बीच डेस्टिनेशन को लेकर डिस्कशन हो रहा है। इसके लिए लोग टरिज्म गाइड व इंटरनेट की भी हेल्प ले रहे हैं। इस बार अधिकांश सिटीराइट़स नेचर के बीच जाना चाहते हैं। जहां पॉल्यूशन कम होने के साथ शांति भी हो। साथ ही वह समय की कमी के कारण एक दिन का टूर प्लान कर रहे हैं। पत्रिका आपको कुछ एेसे ही स्थानों के बारे में बता रहा है, जहां आप अर्ली मॉर्निंग निकलकर शाम तक शहर वापस आ सकते हैं।
पातालकोट/तामिया जिले का एकलौता हिल स्टेशन पातालकोट और तामिया है। यहां की वादियां सभी की अपनी ओर आकर्षित करती हंै। नए साल पर यहां प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है। तामिया से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखना सबसे अच्छा रहेगा। पातालकोट और तामिया जाने के लिए छिंदवाड़ा से भोपाल मार्ग पर जाना होगा। यहां पर से तामिया मुख्य मार्ग पर उपलब्ध है।
यहां भी जा सकते – भरतादेव – देवरानी दायी – अनहोनी जलकुंड – घोघरा वॉटरफॉल ये रखें सावधानी – खाने-पीने का समान अपने साथ रखें। – अर्ली मॉर्निंग निकलें, जिससे शाम होने से पहले वापस आ सकें। – लाइटवेट स्पोट्र्स शूज पहनें, ताकि आसानी से चल सकें। – नॉलेजबल ड्राइवर को अपने साथ ले जाएं। – मैप अपने साथ रखें व गाइड की मदद ले सकते हैं। – टार्च व रस्सी रखें साथ। – विवाद से बचें।
कुकड़ीखापा मुख्यालय से करीब ३५ किमी दूर स्थित कुकड़ी खापा वॉटरफॉल करीब ५० फीट ऊंचा है। उमरानाला के पास स्थित इस झरने की खूबसूरती देखते ही बनती है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह क्षेत्र जिले का बेहतर पिकनिक स्पाट भी है। ऐसे में यहां पर भी नए साल का जश्न मनाने जा सकते हैं। कुकड़ीखापा जाने के लिए रामाकोना से होते हुए जाया जा सकता है। साथ ही बिछुआ के रास्ते से जा सकते हैं।
लिल्हारी वॉटरफॉल जिले के मोहखेड़ पांढुर्ना के समीप कन्हान नदीं पर लिल्हारी वॉटरफॉल स्थित है। नारायण घाट लिल्हारी गांव के पास है, जहां से कन्हान नदी बहती है। पहाड़ी की चोटियों के बीच स्थित यह वॉटरफॉल प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर है। पानी का बहाव यहां की सुन्दरता को बढ़ा देता है। यहां पहुंचने के लिए छिंदवाड़ा-नागपुर मुख्य मार्ग से जाना होगा।
गो-मुख धारा जिले के उमरेठ ब्लॉक की पंचायत जमुनिया जेठू के अंतर्गत सतपुड़ा की वादियों में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच गो-मुख से निकलती जलधारा जन आकर्षण का केन्द्र है। जब जलधारा नीचे गिरती है तो एक झरने का रूप ले लेती है। यहां का मंदिर पुरानी प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है। मुख्यालय से यहां जाने के लिए गांगीवाड़ा से जमुनिया जेठू व लालमंडी होते हुए पहुंचा जा सकता है।
देवगढ़ फोर्ट जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर मोहखेड़ के पास यह किला स्थित है। यह 18वीं शताब्दी का बताया जाता है। देवगढ़ गोंडवंश के राजाओं की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध था। कहा जाता है कि इसका निर्माण प्रतापी राजा जाटव ने अत्यधिक योजनाबद्ध तरीके से कराया था। यह किला 650 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। किले के चारों तरफ गहरी खाई है। खजाना पाने की लालच में जमीन सहित दीवारों को कई जगहों पर खोदा गया है।
धरमटेकड़ी अगर आपके पास समय कम है तो शहर में ही पीजी कॉलेज के समीप स्थित धरमटेकड़ी पहुंचकर प्राकृतिक वातावरण का आनंद उठा सकते हैं। यहां किए गए पौधरोपण ने सुन्दरता को चार चांद लगा दिए हैं। यहां का सर्व धर्म साईं मंदिर भी जन आस्था का केंद्र है।