कांग्रेस की अजेय सीट… उपचुनाव में पटवा ने खिलाया था कमल
कांग्रेस की अजेय सीट छिंदवाड़ा का इतिहास दूसरी संसदीय सीटों से हटकर रहा है। कांग्रेस वर्ष 1951 के पहले चुनाव से ही छिंदवाड़ा सीट जीतते आई है। केवल वर्ष 1997 के उपचुनाव में स्व.सुंदर लाल पटवा ने भाजपा का कमल खिलाया था। यह भी एतेहासिक तथ्य है कि वर्ष 1977 में इमरजेंसी के बाद चुनाव में भाजपा पूरे उत्तर भारत की सीटों से जीती थी, लेकिन छिंदवाड़ा के लोगों ने कांग्रेस को ही पसंद किया था। इसे भाजपा के राष्ट्रीय नेता भी स्वीकारते रहे हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी तथा वर्ष 2023 में गृह मंत्री अमित शाह की सभा भी बेअसर रही थी।
भाजपा के चेहरे पर मंथन जारी, जल्द घोषित होगा टिकट
भाजपा गलियारों से आ रही जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय नेतृत्व लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार के चेहरे पर मंथन कर रहा है। इस संसदीय टिकट का फैसला एक-दो दिन में कभी भी हो सकता है। इस पार्टी में टिकट के आधा दर्जन दावेदार है, जिन्होंने प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने अपना बायोडाटा पहुंचाया है। भाजपा के पिछले फैसले से यह भी संभावना है कि पार्टी इस क्षेत्र से कोई नए चेहरे को मैदान में उतार सकती है। इस बारे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भोपाल में भी संकेत दिए हैं। फिलहाल टिकट किसी को भी मिले, कार्यकर्ताओं के साथ पूरे छिंदवाड़ा-पांढुर्ना जिले को बेसब्री से इंतजार हैं।
पिछले दो माह से कमलनाथ और नकुलनाथ के भाजपा में प्रवेश लेने की अफवाह चल रही थी। पिछले माह फरवरी में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के समय छिंदवाड़ा दौरे को छोडकऱ जाने से यह मुद्दा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था। हालांकि बाद में दोनों नेताओं ने इसे अफवाह बताया था। फिर भी अब तक भाजपा नेताओं के बयान से नकुल के बारे में यहीं चर्चा चल रही थी। कांग्रेस नेतृत्व के टिकट दिए जाने के बाद इस अफवाह का अंत हो गया। अब कांग्रेस नकुल की अगुआई में लोकसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ेगी।