पत्रिका टीम ने शनिवार को इस अवैध धंधे का स्टिंग किया। इसमें जिला अस्पताल के सामने स्थित एक पैथालॉजी का टेक्निशियन आइसीसीयू वार्ड में मरीजों की ब्लड जांच रिपोर्ट और पैसों के लेन-देन की चर्चा करता हुआ कैमरे में कैद हुआ है। पीडि़तों ने बताया कि हृदय रोग के सम्बंध में उन्होंने एलएफटी की जांच कराई, जिसकी फीस उन्होंने 1100 रुपए दी।
कई जांच नहीं हो रहीं
दरअसल, जिला अस्पताल की पैथालॉजी में ब्लड की आवश्यक जांच नहीं होने से अक्सर ऐसी स्थिति निर्मित होती है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पैथालॉजी में सीबीसी, एलएफटी, आरएफटी, थायराइड, ब्ल्यूरूबिन, हेपेटाइटिश समेत अन्य जांचें नहीं हो रही है। ऐसे में मरीजों की मजबूरी का फायदा डॉक्टर्स और निजी लैब संचालक उठाते हैं। मनमानी कीमत वसूलते हैं। इतना ही नहीं फोन कर टेक्निशियनों को भर्ती मरीज का ब्लड सेम्पल निकालने की जानकारी देते हैं।
बढ़ जाती है हृदय रोगियों की समस्या
सर्दी के मौसम में वृद्धजनों के साथ-साथ हृदय रोगियों की समस्या भी बढ़ जाती है। इसकी वजह से एनसीडी और आइसीसीयू विभाग में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसके बाद भी प्रबंधन बजट का रोना रोता है। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बावजूद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था लचर बनी हुई है।
जबलपुर से आवश्यक सामग्री मंगवाई गई है
पैथालॉजी में ब्लड जांच नहीं होने की जानकारी मिलने पर तत्काल जबलपुर से आवश्यक सामग्री मंगवाई गई है। इसका लाभ सुबह से मरीजों को मिलने लगेगा तथा अवैध रूप से निजी संस्थाओं को लाभ पहुंचाने वालों के खिलाफ वैधानिक जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. तकी रजा, डीन मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा