पानी का विवाद पकड़ रहा तूल
नहर के गेट पर जल संसाधन विभाग ने लगाया ताला
छिंदवाड़ा (पांढुर्ना). खैरीपेका जलाशय की नहर के गेट पर ताला लगाने होने के बाद गुरुवार की दोपहर को विभागीय इंजीनियर एस शुक्ला मौके पर पहुंचे। उन्होंने खैरीपेका जलाशय पहुंचकर गेट पर लगे कृष्णकुमार डोबले का ताला निकालकर विभाग का ताला जड़ दिया है। शुक्ला ने बताया कि हमने गांव के दोनों पक्षों को अपनी-अपनी बात रखने के लिए शुक्रवार को जल संसाधन विभाग कार्यालय में बुलाया है। दोनों पक्ष आमने सामने बैठकर निर्णय लेंगे, तभी विभाग अपना ताला खोलेगा और किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जा सकेगा। ईंधर गांव के किसान इस लड़ाई में पीसते हुए नजर आ रहे है। बताया जा रहा है कि जलाशय में बारिश कम होने की वजह से भराव बहुत कम है। वहीं किसानों के पास खेतों के कुएं भी सूखे पड़े हैं। थोड़ी-बहुत मदद जो जलाशय से मिल रही थी वह नेताओं के झगड़े में मिलनी बंद हो गई है, जिससे अब किसानों को फसलों के सूखने का डर बना है।
पानी का हो रहा था दुरूपयोग: डोबले
इस मामले में किसानों द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद पूर्व जिला पंचायत सदस्य कृष्णकुमार डोबले ने बताया कि उन पर लगाए गए आरोप गलत है। जलाशय के पानी का दुरूपयोग किया जा रहा था। पहले विभाग ने अपना ताला लगाया था, लेकिन किसी के पास इसकी दूसरी चाबी होने के कारण रात को नहर का गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा था। इसका लाभ सभी किसानों को नहीं मिल रहा था। हमने रात को शुक्ला को शिकायत की तो उन्होंने ताला पंचायत या फिर खुद का ताला लगाने के लिए कहा। जिसके बाद उन्हीं के विभाग के कर्मचारी ने जाकर मेरा ताला गेट पर लगाया।