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छिंदवाड़ा

गेहूं बिक्री की बदली व्यवस्था, किसानों को मिलेगा दोगुना फायदा

मंडी में भी गेहूं बेच सकेंगे पंजीकृत किसान

छिंदवाड़ाMar 08, 2019 / 10:57 am

prabha shankar

Lok Sabha Elections 2019

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छिंदवाड़ा. इस महीने के अखिरी सप्ताह से शुरू हो रही गेहूं की खरीदी अब सहकारी समितियों के अलावा मंडियों में भी होगी। सरकार ने मंडी परिसरों में भी गेहूं बेचने की व्यवस्था पंजीकृत किसानों के लिए की है। हालांकि ये पहले भी होता आया है, लेकिन इस बार मक्का की तरह गेहूं की भी अच्छी आवक होने के आसार मंडी प्रबंधन को लग रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस बार गेहंूं का समर्थन मूल्य 1840 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। राज्य सरकार ने किसानों को 160 रुपए और देकर इसे 2000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। सहकारी समितियों में तो 1840 रुपए से ज्यादा मूल्य पर किसानों का बिकना सम्भव नहीं है।
ऐसे में अगर गेहूं की क्वालिटी अच्छी है और मंडी की नीलामी में भाव उसे इससे ज्यादा मिलते हैं तो किसान को प्रति क्विंटल 2000 रुपए से भी ज्यादा मिल सकता है। यही कारण है कि मंडियों में मक्का की तरह गेहूं की खरीदी की व्यवस्थाएं करने पर प्रबंधन ध्यान दे रहा है। समर्थन मूल्य पर गेहूं का पंजीयन 14 तारीख तक होना है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार 25 मार्च से गेहूं की खरीदी शुरू होगी।
20 हजार हैक्टेयर में लगी है गेहूं की फसल
इस बार जिले में एक लाख 20 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल लगाई गई है। हालांकि यह रकबा पिछले वर्ष की अपेक्षा कम है। इसका कारण यह है कि बारिश कम होने के कारण जिले के कई क्षेत्रों में किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला। बीज, खाद पर पैसा बर्बाद करने के बजाए किसानों ने अपने खेतों में गेहूं बोया ही नहीं। हालांकि कृषि जानकारों का मानना है कि रकबा कम होने और फसल उत्पादन का कोई मेल नहीं। कम रकबे में भी हो सकता है अच्छी और ज्यादा उपज निकले। जिले में औसत प्रति हैक्टेयर 45 क्विंटल गेहूं उत्पादन होता है। इस बार यह आकलन होना है। अगर कम उत्पादन हुआ तो गेहूं के दाम और ऊंचे जा सकते हैं। ऐसे में क्वालिटी का गेहूं पैदा करने वाले किसानों को लाभ होने की उम्मीद भी लग रही है। पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने गेहंू का समर्थन मूल्य 1735 रुपए प्रति क्विंटल तय किया था। प्रदेश में तत्कालीन भाजपा सरकार ने किसान प्रोत्साहन योजना के तहत इसमें 265 रुपए की बढ़ोतरी करते हुए किसानों को प्रति क्विंटल 2000 रुपए देने की घोषणा की थी। इस बार केंद्र ने समर्थन मूल्य 105 रुपए बढ़ाकर 1840 रुपए कर दिया। इधर प्रदेश में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने इसमें 160 रुपए बढ़ा दिए और पिछले साल की तरह ही किसानों से 2000 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदी करने की घोषणा कर दी है।

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