सौंसर. शिक्षा के गिरते स्तर को क्षेत्र के स्कूलों की स्थिति का अंदाजा लगाकर समझा जा सकता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, सौंसर विकासखंड के ग्राम पंचायत खांडसिवनी के आश्रित ग्राम हरणबेरडी में। यहां प्राथमिक शाला के कक्षा पहली से 5 वीं तक के 25 बच्चों को मवेशियों के कोठे में शिक्षा लेनी पड़ रही है।
ज्ञात हो कि क्षेत्र के विधायक पूर्व में प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री रह चुके है। इसके बाद यहां के स्कूलों की जमीनी हकीकत कुछ और है। ग्राम हरण बेरडी में विगत 5 वर्षों से बच्चों के लिए स्कूल भवन नहीं होने से बच्चे कभी नीम के पेड़ के नीचे तो कभी खुले परिसर में पढ़ते है। बारिश के दिनों में ग्राम के ही एक छोटे से मंदिर के अंदर कक्षाएं लगाई जाती है।
पालकों ने बताया कि विगत 5 वर्षों से बच्चों को ऐसे ही पढ़ाया जा रहा है। स्कूल भवन नहीं होने से मवेशियों के कोठे में शिक्षकों को अध्यापन कराना पड़ रहा है तो कभी पालकों के घर में भी कक्षाएं लगा ली जाती है। इस सम्बंध में कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
पेड़ के नीचे भी लगती है कक्षाएं
स्कूल के बच्चों ने बताया कि गर्मी के दिनों में पेड़ के नीचे कक्षाएं लगाई जाती है तो बारिश के दिनों में किसी भी पालक के घर । यही नहीं कभी मवेशियों के कोठे में बैठाकर भी पढ़ाया जाता है। कुल मिलाकर हर बार स्कूल की जगह बदलती रहती है। समस्याओं पर कई बार जनप्रतिनिधी, अधिकारी को अवगत कराया गया है।
मध्याह्न भोजन बनाने की समस्या
स्कूल के बच्चों को अध्यापन कराने के लिए ही भवन नहीं है ऐसे में मध्याह्न भोजन बनाने की भी समस्या है। बच्चों के लिए बनने वाले मध्याह्न भोजन आंगनबाड़ी के शौचालय के कमरे में बनाया जाता है। किचन के लिए अलग से कोई कमरा नहीं है। मेन्यू के आधार से भोजन भी नहीं मिलता।
&मैं पिछले एक वर्ष से ग्राम हरणबेरडी के स्कूल में पदस्थ हूं। समस्या को देखते हुए स्कूल भवन के लिए पत्र प्रेषित कर एवं अन्य माध्यमों से शिक्षा विभाग सहित प्रशासन को अवगत कराने प्रयास किए गए है। बीआसी भास्कर गांवडे ने गत दिवस दिवस ग्राम हरणबेरडी पहुंचकर निरीक्षण किया। उनके कहने पर मवेशियों के कोठे में कक्षा लगाई जा रही प्राथमिक स्कूल को आंगनबाड़ी के कमरे में अस्थाई रूप पर लगाने के निर्देश दिए है।
धनराज काले, प्रधानपाठक
प्राथमिक शाला, ग्राम हरणबेरडी।
&शिक्षा जैसे क्षेत्र में हमारे बच्चों को अच्छी सुविधा सरकार मुहैया नहीं होने से बच्चें मवेशी के कोठे सहित अन्य जगहों पर पढ़ाए जाते है। यह ठीक नहीं है।
रंजना चौधरी, पालक
&ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के शिक्षा पर किसी भी जनप्रतिनिधि एवं विभाग का
ध्यान होने से बच्चों को शिक्षा दिलाने में परेशानियां हो रही है। स्कूल भवन नहीं होने से अनेक समस्याएं है।
अंजू मनोटे, पालक
&स्कुल भवन नही है, मवेशी के कोठे एवं अन्य स्थानों पर पढाया जा है। शिक्षा विभाग द्वारा स्कुल भवन बनाया जाना चाहीए। मध्यान्ह भोजन के लिए अलग से कमरा बनाया जाना चाहीए।
करुणा भास्कवरे, पालक
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