फास्टैग एक छोटा स्टीकर है जो हम इसे अपनी कार के विंडशील्ड पर पेस्ट कर सकते हैं। फास्टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) तकनीक है। यह रेडियो-फ्रीक्वेंसी पर काम करता है। फास्टैग चिप में इलेक्ट्रॉनिक संग्रहित जानकारी होगी। इस तकनीक के माध्यम से टोल नाकों पर वाहन पहुंचने पर टोल टैक्स अपने आप कट जाएगा। केवल आपको टोल नाकों पर वाहन स्लो भर करना होगा। टोल नाकों पर लगा ट्रैफिक मॉनीटर कैमर टैग को पढ़कर स्वत: ही राशि काट लेगा। टोल टैक्स कटते ही नाके पर लगा सिग्नल ग्रीन हो जाएगा और गेट खुल जाएगा। जिससे आपका वाहन कुछ सेकंड में ही नाके से बाहर निकल जाएगा।
वर्तमान में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक समेत अन्य बैंकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ भागीदारी की है। हमें इन बैंकों के साथ फास्टैग खाता बनाने होगा। वर्तमान में बैंकों ने प्राइवेट एजेंसियों को भी फास्टैग कार्ड बनाने अधिकृत किया है। आप बैंक द्वारा अधिकृत एजेंसी के यहां जाकर भी अपना फास्टैग खाता खोल सकते हैं। इसके लिए आपको वाहन के कागजात, आधार कार्ड, पैन कार्ड की आवश्यकता होगी। छिंदवाड़ा में भी इसकी शुरुआत हो चुकी है। यहां एसबीआई बैंक ने कुछ को फास्टैग कार्ड बनाने अधिकृत किया है। ये अधिकृत एजेंसी ने वाहनों का रजिस्ट्रेशन कर फास्टैग कार्ड बनाने का काम शुरू भी कर दिया है।
कैशलेस लेनदेन, ड्राइवर को टोल टैक्स की राशि देकर भेजने की जरूरत नहीं
टोल नाकों पर समय की बचत
कोई लंबी कतार नहीं, कम ईंधन अपव्यय
आपका वाहन किस नाके से कब और कितने बजे निकला आपको मैसेज से पता लग जाएगा
टोल टैक्स कितना लगा मोबाइल नंबर मैसेज के द्वारा जानकारी
आपको अपने प्रत्येक वाहन के लिए अलग-अलग फास्टैग लेना होगा।
विवरण को पढऩे के लिए ट्रांसीवर के लिए फास्टैग लेन से निकलते समय आपको अपना वाहन धीमा करना होगा।
आगे चल रहे वाहन फास्टैग वाहन से एक सुरक्षित दूरी रखें, ट्रांसीवर आपके टैग का विवरण पढ़ सकता हैं और आपके खाते से राशि कट सकती है।
यदि नाके पर उपकरण काम नहीं कर रहा है तो आपको नकद भुगतानभी करना पड़ सकता है