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छिंदवाड़ा

शर्म व हिचकिचाहट दूर करने की दवा है यह कला

व्यक्तित्व विकास में अभिनय की भूमिका महत्वपूर्ण
 

छिंदवाड़ाApr 28, 2019 / 11:54 am

Rajendra Sharma

Personality development workshop

Personality development workshop

चांद कॉलेज में विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन पर कार्यशाला
छिंदवाड़ा. शासकीय महाविद्यालय चांद के सभागार में स्वामी विवेकानंद मार्गदर्शन विभाग द्वारा छात्रों के व्यक्तित्व विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत ‘व्यक्तित्व विकास में अभिनय की भूमिका’ पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज छिंदवाड़ा के प्राचार्य डॉ. आलोक यादव ने अभिनय के महत्व को छात्रों को समझाते हुए कहा कि अभिनय हृदय की भावनाओं का वाह्य प्रदर्शन होता है। अवस्था के अनुकरण को अभिनय कहते हैं।
अभिनय से मौखिक संप्रेषण कला, समस्या का रचनात्मक समाधान व दूसरों के साथ अनुकूलन बैठाने की दक्षता का विकास होता है। समूह में कार्य करना, तनाव में भी काम करना और आत्मानुशासन जैसे दुर्लभ गुण विकसित होते हैं। जिम्मेदारी संभालना, नेतृत्व क्षमता व विरोधों से जूझने की दुर्लभ शक्ति अभिनय से आती है। कार्यशाला प्रभारी डॉ. अमर सिंह ने कहा कि अभिनय विक्षिप्त चित्त की उत्तेजना की सजीव अभिव्यक्ति होती है। यह शर्म व हिचकिचाहट दूर करने की रामबाण औषधि है। संवाद सम्प्रेषण, वाणी, भावभंगिमा, मुखमुद्रा, वेशभूषा व दर्शकों को रसानुभूति कराते हैं। इस तरह का रसपूर्ण समन्वित व्यापार सहृदय दर्शकों को अर्थ की पूर्णता से अभिभूत
करता है। अभिनय से लोकचेतना, कल्पना, चमत्कारी बदलाव, भावमग्नता की सिद्धि, रुचियों में अद्भुत विकास होता है। अभिनय से परम संतोष की प्राप्ति, जल्दी सीखने की कला, निराशा में आशा का संचार व मनोविनोद के उत्कृष्ट आयाम व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। डॉ. आलोक यादव ने छात्रों को अभिनय के विभिन्न तरीकों को बारीकियों से समझाया एवं इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने पर भी जोर दिया।
ये रहे मौजूद

कार्यशाला को एमएल यादव, राकेश मालवीय, प्रो. राजकुमार पहाड़े, प्रो. योगेश अहिरवार, प्रो. चंद्रशेखर उसरेठे, प्रकाश नागले, चंद्रशेखर मराठा, समीर कुरैशी, असलम खान, चंद्रशेखर अयोधि व सुनील पाटिल ने भी संबोधित किया। आभार प्रदर्शन डॉ. अमर सिंह ने किया, कार्यशाला में कॉलेज के छात्र व कर्मचारी उपस्थित थे।

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