उत्तर प्रदेश का कोई भी चुनाव पूरे देश में आकर्षण और किसी भी पार्टी के लिए उसके भविष्य का निर्धारण करने वाला चुनाव होता है। यूपी में इस बार विधानसभा चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस की क्या स्थिति हुई यह किसी से छिपा नहीं है और सत्ता का वनवासकाल भोग रही बीजेपी इस चुनाव में इन सभी प्रमुख दलों को पटखनी देते हुए यूपी विधानसभा की मखमली कुर्सी पर काबिज हो गई। अब एक बार फिर यूपी में चुनाव की दस्तक ने प्रमुख राजनीतिक दलों को भुजाएं भांजने का मौका दे दिया है। कुछ ही महीने बाद यूपी में होने जा रहे नगर निकाय चुनाव मैदान में सपा, बसपा, कांग्रेस और भाजपा ये सभी प्रमुख पार्टियां एक-दूसरे को चारों खाने चित्त करने की रणनीति बनाने में जुट गई हैं। इन सबके इतर सपा, बसपा, कांग्रेस में जहां अभी इस चुनाव को लेकर चर्चा की भट्टी भी गर्म नहीं हुई है, वहीं सत्तासीन भगवा खेमा शिद्द्त से नगर निकायों के चुनाव की तैयारी में जुट गया है।
2017 के विधानसभा चुनाव में पूरे बुंदेलखंड में क्लीन स्वीप करने वाली बीजेपी नगर निकाय के लिए भी कमर कस चुकी है और लगातार पूरे बुंदेलखंड में स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक पार्टी में चुनाव को लेकर हलचलों का दौर तेज हो गया है। बुंदेलखंड में यह चुनाव बीजेपी के लिए साख का सवाल भी है। क्योंकि, इस क्षेत्र में चारों सांसद उसके हैं, पूरी विधानसभा सीटों पर सारे विधायक उसके तो फिर इस परिस्थिति में निकाय चुनाव का पार्टी के लिए नाक का सवाल बनना अवश्यम्भावी है।
निकायों में नियुक्त हो रहे प्रभारी नगर निकाय चुनाव को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के मूड में दिख रही बीजेपी ने बुंदेलखंड के नगर निकायों में निकाय प्रभारियों की नियुक्ति का काम शुरू कर दिया है। चित्रकूटधाम मंडल के चित्रकूट जनपद में पढऩे वाली तीन नगर निकायों कर्वी नगर पालिका परिषद, राजापुर व मानिकपुर नगर पंचायत में चुनाव को लेकर प्रभारियों की नियुक्ति कर दी गई है। राजापुर नगर पंचायत में रवि त्रिपाठी व मानिकपुर नगर पंचायत में राकेश नामदेव को प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि अभी कर्वी नगर पालिका परिषद में प्रभारी की नियुक्ति पर मंथन जारी है। मंडल के बांदा जनपद में बृजकिशोर गुप्ता को जिला प्रभारी नगर निकाय चुनाव तथा बद्री विशाल त्रिपाठी को नगर निकाय चुनाव नगर प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। महोबा जनपद में आनंद शुक्ला को निकाय प्रभारी महोबा नगर पालिका परिषद के रूप में दायित्व दिया गया है। हमीरपुर में भी प्रभारियों की नियुक्ति पर मंथन जारी है। इन सभी प्रभारियों को हाईकमान से स्पष्ट निर्देश है की बराबर अपने क्षेत्र में कार्यकर्ताओं तथा संभावित प्रत्यशियों के सम्पर्क में रहें और चुनाव को लेकर रणनीतियों से हाईकमान को अवगत करवाते रहें।
सपा, बसपा, कांग्रेस सुस्त, भाजपा खेमा चुस्त इसे चाहे सत्ता की खुमारी कहें या उत्साह की नगर निकाय चुनाव को लेकर जहां बीजेपी मुस्तैद नजर आ रही है, वहीं सपा, बसपा और कांग्रेस अलसाई सी सुस्त होकर चुनाव की तैयारियों में आगे बढ़ रही है। कांग्रेस व बसपा में अभी हलचल थोड़ा कम है, परन्तु इन पार्टियों के जिम्मेदारों का कहना है की हमारी रणनीति चुनाव को लेकर लगातार बन रही है और पूरी मजबूती के साथ मैदान में उतरेंगे। नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी सपा, बसपा, कांग्रेस में मुकाबला होना तय हैं। हां, यह अलग बात है की यूपी व केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी उत्साह में इस लबरेज होकर इस चुनाव की तैयारी में जुट गई है, लेकिन नगर निकायों का परिसीमन उनकी सीटों का आरक्षण चुनाव में अंतिम उलटफेर करने के लिए तैयार है। सपा, बसपा व कांग्रेस आरक्षण वाली सीटों पर दांव खेलने के पूरे मूड में हैं तो बीजेपी मोदी के विकासपरक एजेंडों व योगी की लाभकारी योजनाओं को ढाल बनाकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है। सपा, बसपा, कांंग्रेस के खेमे से जातिगत दृष्टिकोण से मजबूत प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं तो वहीं बीजेपी के पास इस ढाल की थो?ी कमी रहेगी फिर भी मुद्दा विकास ही रहेगा इतना तय है।