जनपद के मऊ थाने में तैनात सीओ (क्षेत्राधिकारी) विनीत सिंह और प्राथमिक विद्यालय के दो अध्यापकों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। अध्यापकों द्वारा सीओ पर 13 जनवरी को मारपीट करने का आरोप लगाए जाने के बाद अब सीओ ने बड़ा खुलासा करते हुए अध्यापकों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। सीओ ने डीएम को पत्र भेजकर एक मामले का जिक्र करते हुए दोनों अध्यापकों पर उस मामले की विवेचना से अपना नाम हटाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
ये है मामला दरअसल 13 जनवरी को मऊ थाना क्षेत्र के मण्डौर प्राथमिक विद्यालय में बतौर हेडमास्टर तैनात गौरव सिंह ने आरोप लगाया कि विद्यालय जाने के दौरान मऊ बस स्टैंड के पास खड़ी जेसीबी की वजह से उनका वाहन आगे नहीं निकल पा रहा था। इसी दौरान कुछ पुलिसकर्मियों से उनकी बहस हो गई और मौके पर पहुंचे सीओ ने उन्हें पीट दिया। मामले की सूचना जब अन्य अध्यापकों तथा शिक्षक संघ के पदाधिकारियों तक पहुंची तो सभी ने मऊ थाने को घेरते हुए नारेबाजी की और एसडीएम मऊ तथा एसपी प्रताप गोपेन्द्र को सीओ के खिलाफ कार्यवाही के लिए ज्ञापन सौंपा।
सीओ ने अध्यापकों को कटघरे में खड़ा किया- इधर इस मामले को अभी भी जनपद के प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापक प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले एकत्र होकर सीओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। सीओ मऊ ने एक बड़ा खुलासा करते हुए आरोप लगाने वाले अध्यापकों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।
नाम हटाने का बना रहे दबाव- सीओ मऊ विनीत सिंह ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में खुलासा किया है कि उनपर मारपीट का आरोप लगाने वाले अध्यापक गौरव सिंह और अखिलेश पाण्डेय बरगढ़ थाना क्षेत्र की एक दलित महिला से अश्लील हरकत करने, उसे धमकाने व परेशान करने के मामले में आरोपी बनाए गए हैं। इनके खिलाफ महिला ने बरगढ़ थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया है और उसका बयान भी 164 के तहत न्यायालय में दर्ज हुआ है। उक्त मामले की विवेचना उनके पास है और दोनों आरोपी अध्यापक विवेचना से अपना नाम हटाने का दबाव बना रहे हैं। सीओ के मुताबिक जब उन्होंने अध्यापकों की बात मानने से इंकार कर दिया तो उनपर मारपीट का निराधार आरोप लगाया गया है। आरोप लगाने वाली महिला के बयान हो चुके हैं और उससे आरोपों की पुष्टि हुई है। जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।