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चित्रकूट

जब श्मशान में एक साथ जली 8 चिताएं, चीखों से दहल उठा आसमां, जानें पूरा मामला

श्मशान में इंसानों का मेला लगा था और हर आंखे नम थीं…

चित्रकूटJul 19, 2018 / 08:11 am

नितिन श्रीवास्तव

Dead body cremation after accident in chitrakoot news

जब श्मशान में एक साथ जली 8 चिताएं, चीखों से दहल उठा आसमां, जानें पूरा मामला

चित्रकूट. एक एक कर उनके शवों को चिताओं पर रखा जा रहा था, इधर कलेजे के टुकड़ों को इस तरह असमय मौत के मुंह में समाते देख उन्हें जन्म देने वाली माओं की चीखें आसमां का सीना भी चीर कर रख दे रही थीं। श्मशान में इंसानों का मेला लगा था और हर आंखे नम थीं। करुण क्रंदन ने शायद मौत को भी रोने पर मजबूर कर दिया होगा। जी हां कुछ ऐसा ही नजारा था उस श्मशान घाट का जो 8 बेटियों की लाशों को अपनी गोद में बैठाए उनकी चिताओं की लपटों को बेरहमी से देख रहा था। चित्रकूट में सोमवार को बरगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत मिर्जापुर झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए टेम्पो और डम्फर की भीषण भिड़ंत में मौके पर हुई 8 छात्राओं की मौत और शवों के पोस्टमार्टम के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान गमजदा आम जनमानस पूरे सिस्टम को कोसता हुआ नजर आया कि आखिर सड़क पर बेतरतीब दौड़ते यमदूतों पर कब लगाम लगेगी।

कोई बनना चाहता था डॉक्टर तो कोई तहसीलदार

दुर्घटना में भइयालाल नाम के किसान की दो बेटियां प्रमिला और रंगीला मौत की आगोश में चली गईं। बेटियों के शवों को देखकर बार बार बदहवास हुए जा रहे पिता(भइयालाल) को सम्भालने के लिए जब भी ग्रामीण आगे बढ़ते तो वो अपनी बेटियों के सपनों को याद कर फफक पड़ता। रुंधे गले से वो सिर्फ इतना कहता कि अब कौन उनसे पढ़ाई के लिए लड़ेगा और कौन कहेगा कि पढ़ लिखकर आप का नाम रोशन करेंगे। मृतक प्रमिला ने इंटर की परीक्षा इसी वर्ष पास की थी जबकि उसकी छोटी बहन रंगीला(मृतक) इस वर्ष हाईस्कूल में थी। कुछ् ऐसा ही चीत्कार मौत की आगोश में समाई छात्रा छाया देवी की मां उर्मिला की भी थी। मां उर्मिला भी बदहवास स्थिति में यही कहती कि अब कौन डॉक्टर बनने की बात करेगा कौन अपने भाई से पढ़ाई को लेकर लड़ेगा उसे चिढ़ाएगा। छात्राएं भले ग्रामीण परिवेश से थीं लेकिन सभी इलाके के अच्छे इंटर कॉलेजों की छात्राएं थी और उनके सपने भी बड़े थे। घटना में मृत कक्षा 8 की छात्रा साधना के पिता पथराई आंखों से चिता को देखते हुए लोगों से बेटी के तहसीलदार बनने की बात को याद कार बार बार बेसुध हो जा रहे थे।
यमदूतों पर कोई लगाम नहीं

इस भीषण दुर्घटना के बाद हर तरफ सिस्टम को कोसते हुए नजर आ रहे लोगों का कहना है कि सड़कों पर बेतरतीब ढंग से दौड़ते बड़े (ट्रक डम्फर आदि) और डग्गामार वाहनों पर आखिर कोई लगाम क्यों नहीं लगती। थाने के सामने से टेम्पो टैक्सी जीप मानक से ज्यादा सवारियां लादकर निकलते हैं और तेज रफ़्तार से फर्राटा भरते हैं वहीं बालू गिट्टी मौरंग लदे ट्रक डम्फर ट्रैक्टर आदि भी पुलिस की नाक के नीचे से उन्हें मुंह चिढ़ाते हुए तेज रफ़्तार से निकल जाते हैं लेकिन न तो आरटीओ विभाग और न ही सम्बंधित थानों की पुलिस इन पर लगाम लगाती है।
ग्रामीणों पर कार्रवाई की धौंस

उधर अब पुलिस दुर्घटना के दिन (सोमवार) राजमार्ग पर जाम लगाने और पुलिस से अभद्रता और कुछ वाहनों में तोड़फोड़ का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज करने का धौंस दिखा रही है। वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। एसपी मनोज कुमार झा ने बताया कि अभी प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा दर्ज करने पर विचार हो रहा है कई पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों पर अभद्रता करने का आरोप लगाया है और वैसे भी राजमार्ग जाम करना कानून गलत है। कानून व्यवस्था से समझौता नहीं किया जाएगा।
परिजनों को मिली आर्थिक सहायता

सड़क दुर्घटना में मृतक छात्राओं को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा 2-2 लाख रूपये का मुआवजा दिए जाने की घोषणा के 24 घण्टे के अंदर मृतकों के परिजनों को राहत चेक प्रदान किए गए। एसडीएम मऊ ने परिजनों को ये चेक सौंपे।

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