बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सात-सात जिलों को मिलाकर बनता है, यह वह इलाका हैं जहां नदियों से लेकर जल संरचनाओं की भरमार है। बेहतर प्रबंधन के अभाव और इन जल संरचनाओं के सुनियोजित तरीके से खत्म करने की साजिश ने आमजन को साल भर पानी उपलब्ध कराने के तमाम रास्तों को ही बंद कर दिया।
इस इलाके में तमाम सरकारी योजनाओं परियोजनाओं से लेकर अन्य दानदाता संस्थाओं द्वारा दी गई राशि से यहां की तस्वीर बदलने की मुहिम लगातार जारी है, मगर हालात नहीं बदले, अब पहली बार यहां के सियासी, धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोग गोलबंद हुए हैं। यह सभी मिलकर मंदाकिनी नदी के संरक्षण का अभियान शुरू कर रहे हैं मंदाकिनी वह नदी है जिसके तट पर चित्रकूट में भगवान श्रीराम ने वनवास काल का लंबा कालखंड गुजारा था।
मंदाकिनी नदी के संरक्षण के लिए बुंदेलखंड के राजनीतिक, सामाजिक और धर्म जगत से जुड़े लोग एक मंच पर आए हैं। अब वे 22 मार्च से एक यात्रा शुरू करने वाले हैं। 30 मार्च तक चलने वाली इस यात्रा में नदी की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जाएगा, अतिक्रमणों के साथ नदी में आ रही गंदगी के स्थानों को भी चिन्हित किया जाएगा और उसके बाद अभियान शुरू होगा।
इस अभियान से जुड़े शोध छात्र रामबाबू तिवारी का कहना है कि बुंदेलखंड में पानी माफियाओं ने पानी के नाम पर सरकारी योजनाओं से लेकर विभिन्न माध्यमों से आने वाले बजट की लूट के अलावा कुछ नहीं किया है। सब का ध्यान प्रोजेक्ट पर होता है। अब बगैर किसी सरकारी फंड के नदी को संरक्षित करने की कोशिशें शुरू हो रही है। यह अभियान पूरी तरह जनता का अभियान होगा, जब तक जल योद्धा घर-घर में पैदा नहीं होंगे, तब तक बुंदेलखंड को पानीदार बना पाना मुश्किल काम होगा।
यह भी पढे: हाईकोर्ट के जज ने सुनाई दर्दभरी कहानी, बोले ‘हम मजबूर हैं, यहाँ संख्या बहुत कम है’ जानकारों की माने तो बुंदेलखंड के लगभग हर गांव में एक जल संरचना हुआ करती थी, यहां के लोगों ने पहले कभी यह जाना ही नहीं था कि पानी का भी संकट होता है, मगर अब तो यहां की पहचान ही पानी का संकट बन गई है। यह आमजन को अंदर तक आहत करने वाली भी है। केंद्र सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दी है और इसके प्रावधान भी बजट में किए है। खजुराहो के सांसद और भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि यह परियोजना इस क्षेत्र में खुशहाली लाने वाली होगी, यहां की पानी संबंधी समस्या से मुक्ति मिलेगी और यहां की तस्वीर बदलेगी।