अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विभिन्न योगासनों व प्राणायाम करने के बाद लोगों ने खुद को तरोताजा महसूस करते हुए भारत की इस अद्भुत विद्या के बारे में जाना और समझा कि अपनी ऐसी ही विशिष्ट विद्याओं के लिए भारत कभी विश्वगुरु कहलाता था। विभिन्न असाध्य रोगों बीमारियों को योग व प्राणायाम के द्वारा ठीक किया जा सकता है ये योग के जानकार लोगों ने समूह में उपस्थित आम जनमानस को बताया।
हर जगह हुआ योग
इस अवसर पर जनपद के मठ आश्रम कॉलेज के मैदान पार्क आदि लोगों से गुलजार रहे। विभिन्न आश्रमों में योग अध्यापकों द्वारा योग तथा प्राणायाम कराया गया। राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के प्रकल्प दीनदयाल शोधसंस्थान उद्यमिता पीठ ग्रामोदय विश्वविद्यालय में योग की कक्षाएं लगाकर छात्रों विद्यार्थियों तथा आम लोगों को योग और इसकी महत्ता से अवगत कराया गया। जनपद के गायत्री शक्तिपीठ में विभिन्न वेदपाठी विद्यार्थियों से लेकर आम लोगों ने तथा विभिन्न मठ मंदिरों तथा आश्रम के साधू संतो और महंतों ने भी योग करते हुए लोगों को संदेश दिया कि शरीर को रोगमुक्त रखने के लिए योग और प्राणायाम जरूरी है। मुख्यालय स्थित चित्रकूट इंटर कॉलेज में बड़ी संख्या में लोगों ने योग तथा प्राणायाम करते हुए स्वस्थ रहने के गुर सीखे। इसके अलावा जनपद के कस्बों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भी योग किया गया। विभिन्न तहसीलों के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण इलाकों कस्बों में वहां के तहसीलदार एसडीएम के साथ क्षेत्रीय लोगों ने योग की विद्या को जाना समझा और योग किया।
बाबा रामदेव भी करा चुके हैं योग
सन 2011 के नवम्बर महीने में योग गुरु बाबा रामदेव ने जनपद में तीन दिनों तक प्रवास कर पूरे चित्रकूट सहित बुंदेलखंड को योग की महत्ता से परिचित कराया था। भारत की इस अनमोल विद्या से परिचित होने के बाद लोगों में योग के प्रति जागरूकता बढ़ी और परिणाम यह कि आज जीवन को निरोगी बनाए रखने के लिए योग एक मजबूत शस्त्र के रूप में सामने है जिसका प्रयोग करते हुए वयक्ति काफी हद तक निरोगी जीवन वयतीत कर सकता है। बाबा रामदेव ने दो बार चित्रकूट आकर लोगों को योग की महत्ता के बारे में बताया और योग कराया तब से काफी जागरूकता आई आम जनमानस में। बहरहाल योग दिवस के मौके पर तन मन को प्रफुल्लित करते चेहरे पर ताजगी का भाव लिए लोग यही संदेश दे रहे थे कि करो योग रहो निरोग।