शिक्षकों ने बताया कि अपहरण के दौरान डकैतों नमक-रोटी, नमकीन और बिस्किट खाने के लिए देते थे। पहले दिन नमक-रोटी और दूसरे दिन बिस्किट व नमकीन दी गई। तीसरे दिन किसी मुखबिर के घर से आई रोटी व चने की सब्जी दी गई। चौथे दिन बैंगन का भर्ता व रोटी दी गई और पांचवें दिन यानी पकड़ से छोड़ने के पहले अपह्रत शिक्षकों को सिर्फ नमकीन दी गई थी।
वारदात में दस्यु सरगना नवल धोबी का नाम सामने आ रहा है। उसकी दहशत के चलते इस समय चित्रकूट व सतना के सीमावर्ती इलाके खौफ के साये में सांस लेने को मजबूर हैं। शिक्षकों के छूटने के बाद अब खाकी के राडार पर दस्यु नवल गैंग प्रमुख रूप से है। खासकर मध्य प्रदेश पुलिस इस गैंग के सफाये के लिए कमर कसते हुए पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की चित्रकूट पुलिस के साथ जंगलों में सर्चिंग ऑपरेशन चला रही है।
डकैतों ने करीब एक हफ्ता पहले चित्रकूट और सतना (मध्य प्रदेश) की सीमा पर स्थित थर पहाड़ गांव से सरकारी प्राथमिक विद्यालय के दो शिक्षकों का अपहरण कर लिया था। अपहरण के समय दोनों शिक्षक अपने घर वापस लौट रहे थे। शिक्षकों को अगवा करने के बाद डकैतों ने उनके परिजनों के पास उन्हीं (शिक्षकों) के मोबाईल से फोन करते हुए 5-5 लाख की फिरौती देने की मांग की और रकम न देने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी थी।
शिक्षकों की रिहाई को खाकी भले ही अपना दबाव बता रही हो, लेकिन बीहड़ के सूत्रों व इलाकाई जानकारी के मुताबिक, डकैतों को फिरौती की रकम देने के बाद दोनों अध्यापक मुक्त हुए हैं। हां यह बात जरूर थी कि डकैतों ने जहां दोनों अपहर्ताओं के परिजनों से 10 लाख की फिरौती मांगी थी, वहीं अंतिम रूप से काफी मिन्नतों के बाद गैंग ने ढाई लाख रुपये में डील फाइनल की। यही नहीं दोनों शिक्षकों में एक से फिरौती नहीं ली गई, क्योंकि उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की दुहाई दी गई।