सर्वे में होता है खेल
बारिश की बेरहम बौछारों व ओलावृष्टी की निर्दयता से जख़्मी किसानों को सिस्टम के रहनुमाओं द्वारा लगातार ढांढस व आश्वासन की घुट्टी पिलाई जा रही है. सरकार के नुमाइंदे हों या प्रशासन के सभी अन्नदाताओं को उनके नुकसान की पूरी भरपाई करने की भीष्म प्रतिज्ञा कर रहे हैं. इन सबमे इतर किसानों को इन दलीलों पर विश्वास होता नहीं दिख रहा. किसान संगठनों का कहना है कि भयंकर ओलावृष्टी व बारिश में फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं. नुकसान के सर्वे के दौरान सम्बंधित राजस्व कर्मचारियों द्वारा सेटिंग करके खेल कर दिया जाता है. ऐसे कई मामले अभी तक आ चुके हैं. कई गांवों में कुछ भी नहीं बचा है किसानों के सामने फिर भी सर्वे में हीलाहवाली की जा रही है. जिंदा लाश के रूप में खड़ी फसलों को देखकर नुकसान न होने की रिपोर्ट लगा दी जाती है.
उधर इस मामले को लेकर जिम्मेदारों का कहना है कि नुकसान के सर्वे में लापरवाही न करने की हिदायत सम्बंधित राजस्व कर्मचारियों को दी गई है. जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय का कहना है कि सभी राजस्व अधिकारियों कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि जल्द से जल्द किसानों के नुकसान की सर्वे रिपोर्ट सौंप दें ताकि उनके खातों में धनराशि भेजी जा सके. सर्वे में किसी प्रकार की गड़बड़ी लापरवाही न बरतने का सख़्त निर्देश दिया गया है. शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.