धर्म की आड़ में राम रहीम अकेला अधर्मी नहीं जिसके चरित्र पर यौन शोषण, हत्या और बलात्कार जैसे घिनौने कृत्यों का आरोप लगा हो और लम्बी सुनवाई के बाद ये सारे आरोप सही पाए गए हो, बल्कि इससे पहले भी कई ऐसे कथित संत धर्म की गुफा में वासना, हवस और अधर्म के आरोप में दोषी सिद्ध होने पर जेल की चार दिवारी में कैद हो चुके हैं। मंच से चरित्र निर्माण की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले ये कथित संत खुद चरित्र के गंदे कीचड़ में सने हुए निकले।
चित्रकूट का एक इच्छाधारी संत तो राम रहीम को भी मात दे रहा था। अपने काले कारनामों से और अब तक कई बार यह इच्छाधारी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। दो दिन पहले एक बार फिर इस इच्छाधारी को दिल्ली में ठगी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले इसे जिस आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया उसे सुनकर आप दांतो तले अंगुलियां दबा लेंगे। इस कथित संत के घिनौने कारनामों की फेहरिस्त में सफेदपोशों से लेकर नौकरशाही तक के बड़े-बड़े लोग शामिल थे। जब इस इच्छाधारी के कुकृत्यों का खुलासा हुआ था तो उस समय भी मीडिया के गलियारों में वैसी ही हलचल थी जैसी आज राम रहीम को लेकर है।
देश में चर्चा का विषय बन गया था इच्छाधारी बाबा का सेक्स रैकेट काण्ड- चित्रकूट के बीहड़ में बसे चमरौंहा नाम के गांव को तो लोग कुख्यात डकैत ददुआ के सचिवालय के नाम से जानते थे और आज भी दस्यु गिरोहों की खास शरणस्थली है, लेकिन सन् 2010 में इस गाँव ने अपनी एक अलग पहचान बनाई और उसकी वजह थी इस गांव से निकले एक आम आदमी का इच्छाधारी संत बनना। जनपद के मानिकपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत चमरौंहा गाँव का रहने वाला शिवमूरत द्विवेदी बड़ा आदमी बनने के चक्कर में दिल्ली जा पहुंचा और फिर उसके बाद उसने सेक्स और कॉलगर्ल रैकेट का ऐसा साम्राज्य खड़ा किया जिसकी पहुंच में दिल्ली ही नहीं देश-विदेश के कई पैसे वाले और नामी लोग अपनी हवस पूरी करते थे। उसके कारनामे सुनकर पुलिस भी चौंक गई थी। चमरौंहा गांव का शिवमूरत द्विवेदी सन् 1988 में रोजगार की तलाश में दिल्ली पहुंचा। मजबूत कद काठी और आकर्षक व्यक्तित्व के चलते वह लोगों में आसानी से घुल मिल जाता। दिल्ली में इस व्यक्ति ने पहले नेहरू प्लेस के एक 5 स्टार होटल में सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी की। इस दौरान होटल में बड़े-बड़े लोगों के आवागमन को देखकर शिवमूरत की भी महत्वाकांक्षाएं उबाल मारने लगी और वह भी जल्द से जल्द पैसे वाला बनने का सपना देखने लगा जिसको हकीकत में बदलने के लिए उसने धर्म का चोला ओढ़ लिया और देह व्यापार जैसा घिनौना खेल खेलने लगा।
1997 में शिवमूरत ने दिल्ली में ही एक मसाज पार्लर में काम करना शुरू कर दिया और यहीं से उसकी राह बदल गईष सबसे पहले उसे 1997-98 में वेश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कुछ समय बाद जब वह जमानत पर छूटकर बाहर आया तो उसे इस गोरख धंधे का चस्का लग चुका था।
शिवमूरत बन गया इच्छाधारी संत पहली बार जेल से छूटकर आने के बाद शिवमूरत द्विवेदी ने सबसे सुरक्षित माने जाने वाले संत रूपी चोले को धारण किया। दिल्ली के ही पॉश इलाके में उसने किसी तरह एक फ़्लैट लिया और उसी में सांईधाम नाम से मंदिर की स्थापना करते हुए खुद का नाम शिवमूरत से बदलकर इच्छाधारी संत उर्फ़ भीमानंद जी महराज रख लिया। कुछ ही दिनों में उसका प्रभाव इलाके में कायम होने लगा और लोग उसके भक्त बनने लगे। महिलाओं के सामने इच्छाधारी बाबा गले में सांप लपेटे हुए नागिन की धुन पर नृत्य किया करता था जिससे उसके ऊपर लोग मोहित हो जाते थे कि ये कोई ईश्वरीय अवतार है। बाबा भी खुद को सांई का अवतार बताकर लोगों के बीच अपनी पैठ बना चुका था।
दिन में धर्म रात में अधर्म सुबह से लेकर साँझ ढलने तक इच्छाधारी बाबा धर्म का चोला ओढ़ते हुए धोती व् जनेऊ में रहता था, लेकिन रात होते ही उसका रूप बदल जाया करता था। रात में बाबा ब्रांडेड जीन्स और टीशर्ट तथा स्वर्ण आभूषण पहनकर सेक्स रैकेट संचालित करने लगता था। उसके फ्लैट में ही कई कॉल गर्ल्स आतीं और ग्राहकों से डीलिंग होती। बाबा ने अपने फ़्लैट में एक गुप्त कमरा भी बनाया था जहाँ वह खुद और हाई प्रोफाइल लोग अपनी हवस की आग ठण्डी करते थे। बाबा को उस कमरे से पूरे फ़्लैट की गतिविधियाँ दिखती थीं। बाबा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने जब उस फ़्लैट की छानबीन की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। सन् 2010 में बाबा के कुकर्मों का खुलासा पुलिस के छापे में हुआ। फरवरी 2010 में दिल्ली पुलिस ने जब फ़्लैट में छापा मारा तो सारी सच्चाई सामने आ गई। 8 मार्च 2010 को दिल्ली पुलिस इच्छाधारी बाबा को लेकर उसके गृह जनपद चित्रकूट के चमरौंहा गांव पहुंची जहाँ उसके बारे में विस्तार से पुलिस ने छानबीन की। इच्छाधारी बाबा ने गांव में सांईंधाम नाम से एक विशाल मंदिर भी बनवाया है और जिसके उद्घाटन में सन् 2009 में बुन्देलखण्ड से लेकर दिल्ली तक के बड़े-बड़े लोग पहुंचे थे।
फिर हुआ गिरफ्तार सन् 2010 में सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार हुआ इच्छाधारी बाबा सन् 2014 में जमानत पर जेल से छूट गया था। अपनी फितरत से मजबूर बाबा ने जेल से आजाद होने के बाद फिर से काले कारनामों में हाथ आजमाना शुरू कर दिया। बाबा को अभी तीन दिन पहले दिल्ली पुलिस ने फिर गिरफ्तार किया है ठगी के आरोप में। ऐसे में बाबा के कुकृत्यों की चर्चा लोगों की जुबां पर पुनः होने लगी है।
ऐसे-ऐसे कारनामें- -इच्छाधारी बाबा सांप के साथ नागिन डांस किया करता था जिससे महिलाएं प्रभावित हो जाती थीं -दिन में संत और रात को ब्रांडेड कपड़ों में हाई प्रोफाइल जीवन शैली- -कई बड़े छोटे सफेदपोश नौकरशाह उद्योगपति बाबा के भक्त थे
-लग्जरी गाड़ियों का शौकीन -600 से अधिक हाईप्रोफाइल लड़कियां कॉलगर्ल थीं उसके सेक्स रैकेट में -बाबा के मोबाईल का एक साल का बिल 5 लाख 21 हजार रूपये निकला था गिरफ्तारी के बाद
-बाबा के 13 बैंक खाते थे जिनमें 90 लाख रूपये जमा थे लगभग। तीन लग्जरी कारें उसके नाम थीं, सभी को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने जब्त कर ली मात्र दसवीं कक्षा तक पढ़े इच्छाधारी बाबा ने पैसे कमाने और हाईप्रोफाइल जीवनशैली जीने की लालसा लिए दिल्ली में अपना ठिकाना बनाया। दिल्ली के खानपुर इलाके में उसने अपने फ़्लैट को मन्दिर में बदलकर धर्म का चोला ओढ़ लिया। लोगों के सामने खुद को महान अवतार बताकर उनसे छल किया करता था। दिल्ली से लेकर कई राज्यों में उसने सेक्स रैकेट का जाल फैलाया था। यहां तक कि जिसे जिस शहर में कॉलगर्ल चाहिए होती थी बाबा उसे उस राज्य व शहर में लड़कियां उपलब्ध करवा देता था।