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चित्रकूट

आदिवासियों प्रवासियों की रोटी का जरिया बना बुन्देलखण्ड का “हरा सोना”

बुन्देलखण्ड में मनरेगा के साथ इस इलाके का “हरा सोना” कहे जाने वाले तेंदू पत्ता तोड़ान के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिए जाने का प्रयास हो रहा है.

चित्रकूटMay 28, 2020 / 12:52 pm

Neeraj Patel

आदिवासियों प्रवासियों की रोटी का जरिया बना बुन्देलखण्ड का

आदिवासियों प्रवासियों की रोटी का जरिया बना बुन्देलखण्ड का

चित्रकूट: कोरोनाकाल में लॉकडाउन के चलते रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे आदिवासियों व प्रवासियों(श्रमिक) को उनके गांव में ही काम देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. शासन प्रशासन की भरसक कोशिश है कि मजदूरों को उनके इलाके में ही रोजगार मुहैया कराया जा सके. मनरेगा योजना इस प्रयास में काफी हद तक कारगर सिद्ध हो रही है. मजदूरों के पलायन व वापसी की बात यदि बुन्देलखण्ड के परिदृश्य में की जाए तो यहां पलायन की विभीषिका कई वर्षों से इस इलाके को झुलसा रही है. अब जबकि लॉकडाउन में स्थानीय कामगारों का अपनी मातृभूमि की ओर लौटना जारी है तो ऐसे में बुन्देलखण्ड में मनरेगा के साथ इस इलाके का “हरा सोना” कहे जाने वाले तेंदू पत्ता तोड़ान के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिए जाने का प्रयास हो रहा है.
बुन्देलखण्ड के जंगलों में बहुतायत मात्रा में पाए जाने वाले तेंदू पत्तों के तोड़ान के माध्यम से आदिवासियों के साथ साथ प्रवासी श्रमिकों को भी रोजगार दिया जा रहा है. वर्षों से इलाके के आदिवासी तेंदू पत्ता तोड़ान पर अपनी आजीविका चलाते आए हैं. वन विभाग भी इन्ही आदिवासियों के भरोसे हर साल हजारों बोरे तेंदू पत्तों का तोड़ान व संग्रहण कराता है. इस वर्ष इस काम में आदिवासियों के साथ प्रवासी श्रमिकों को भी लगाया गया है. हालांकि मौसम की मार से इस बार तेंदू पत्ता तोड़ान का लक्ष्य पिछले वर्ष से कम रखा गया है फिर भी काफी हद तक इससे गामीण क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार में मदद मिल रही है.
इस विषय में जानकारी देते हुए प्रभागीय लौंगिक प्रबंधक एसपी सिंह ने बताया कि इस बार 27 हजार 450 मानक बोरा तेंदू पत्ता तोड़ान का लक्ष्य रखा गया है. पिछले वर्ष की तुलना में ये 2 हजार कम है. श्रमिकों को 1000 गड्डी की बिक्री पर 1220 रुपये मेहनताना मिलता है. मौसम खराब होने से इस बार पत्तों को नुकसान पहुंचा है. तेंदू पत्ता का वन क्षेत्र लगभग 48 हजार हेक्टेयर है. और लगभग 15 हजार से अधिक मजदूर कार्य कर रहे हैं.

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