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चित्रकूट

जनसुनवाई के मामले में यहां की पुलिस को मिला प्रदेश में पहला स्थान, खूब हो रही वाह-वाही

जनपद में इस समय सत्ताधारी दल बीजेपी के जिलाध्यक्ष व् पुलिस के बीच शीत युद्ध जारी है, लेकिन फिर भी इस जिले ने अव्वल स्थान हासिल किया है।

चित्रकूटDec 07, 2017 / 05:08 pm

Abhishek Gupta

Chitrakoot Police

Chitrakoot Police

चित्रकूट. कहा जाता है कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास ही एक ऐसा पुल है जिसपर सवार होकर जनता और पुलिस दोनों साथ मिलकर कानून व्यवस्था के रास्ते पर चल सकते हैं। यदि ख़ाकी समय रहते पीड़ितों व् मददगारों की आवाज पर सहायता के लिए तत्पर रहे तो शायद समाज में कभी भी जनता और ख़ाकी के बीच टकराहट की नौबत ही न आए। देश प्रदेश के पुलिस महकमे में जो सबसे बुनियादी और बड़ी समस्या देखी गई और आए दिन सामने आती है वह है त्वरित सुनवाई की यानि किसी भी मामले पर लीपापोती लापरवाही न बरतते हुए तत्काल समस्या का समाधान करना, उनको संज्ञान में लेना और पीड़ित इंसान को न्याय दिलाना। कानून व्यवस्था के लिए यही सबसे अहम कड़ी मानी जाती है और यदि इसी व्यवस्था में अव्यवस्था का बोलबाला हो जाए तो कहीं न कहीं समाज में बाग़ियों का जन्म होता है, जो आगे चलकर खुद ख़ाकी, कानून व्यवस्था व् समाज के लिए घातक सिद्ध होते हैं।
विभिन्न मुद्दों, समस्याओं, मामलों को लेकर आलोचनाओं के कटघरे में खड़ी रहने वाली ख़ाकी यदि अपने कर्तव्यों का पालन सही तरीके से करे और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे तो उसे इनाम मिलना भी लाज़िमी है। कुछ ऐसा ही काबिल-ए-तारीफ़ कार्य किया गया है चित्रकूट पुलिस द्वारा जिसे जनसुनवाई तथा शिकायतों, समस्याओं के निपटारों को लेकर पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इस पायदान पर आसीन होने के बाद ख़ाकी के लम्बरदारों का उत्साह भी बढ़ा है और कार्यशैली को लेकर सवालों के घेरे में खड़ा करने वाले कुछ सफेदपोशों को शायद उनका जवाब भी मिल गया है।
दस्यु प्रभावित जनपद चित्रकूट में ऐसे बहुत कम मौके आए जब ख़ाकी को तारीफे मिली हों और ऐसा नहीं कि इसका जिम्मेदार कोई दूसरा हो। अलबत्ता खुद पुलिस की कार्यशैली पिछले तीन दशकों के दस्यु इतिहास में सवालों के घेरे में रहती चली आई है। इन सबके इतर बदलते वक्त में शायद पुलिस को भी यह महसूस हुआ कि जनता के विश्वासों पर खरा उतरना ही उनका वास्तविक कर्तव्य है। चित्रकूट पुलिस को अपनी इसी कर्तव्यनिष्ठा के चलते पूरे प्रदेश में जनसुनवाई (IGRS) के मामले में पहला स्थान प्राप्त हुआ है।
331 समस्याओं का निस्तारण

जनपद पुलिस को यह उपलब्धि उसके द्वारा समय रहते समस्याओं का निस्तारण, निष्पादन करने के कारण मिली। विभिन्न माध्यमों से प्राप्त 331 समस्याओं व शिकायतों का निस्तारण ख़ाकी ने तत्परता दिखाते हुए किया जिसकी वजह से पूरे उत्तर प्रदेश में उसे पहला स्थान प्राप्त हुआ। जनपद पुलिस को मुख्यमंत्री सन्दर्भ की 122, ऑनलाइन माध्यम से 43 शिकायतें समस्याएं, जिलाधिकारी व् पुलिस अधीक्षक के माध्यम से 76, जनसेवा केंद्र लोकवाणी पीजी पोर्टल के माध्यम से 14 तथा सम्पूर्ण समाधान दिवस के माध्यम से मिली 76 शिकायतों समस्याओं का निस्तारण निष्पादन समय पर किया गया जिसके चलते इस प्रदर्शन के आधार पर शासन द्वारा मूल्यांकन किया गया जिसमें जनपद पुलिस को पहला स्थान प्राप्त हुआ।
जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना प्राथमिकता

जनपद में इस समय सत्ताधारी दल बीजेपी के जिलाध्यक्ष व् पुलिस के बीच शीत युद्ध जारी है। दो दिन पहले ही भाजपा जिलाध्यक्ष ने पुलिस अधीक्षक प्रताप गोपेंद्र पर कई तरह के आरोप लगाकर उनके स्थानांतरण की मांग की, इन सबके बीच शासन स्तर से आई रिपोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर उठते हुए सवालों को फ़िलहाल विराम लगा दिया है। जनता की शिकायतों के निपटारे को लेकर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त करने से उत्साहित पुलिस अधीक्षक प्रताप गोपेंद्र का कहना है कि जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना तथा शासन की मंशानुरूप कार्य करना ही उनकी प्राथमिकता है। इस प्रदर्शन और साख को आगे भी बरक़रार रखने की कोशिश की जाएगी। दस्यु गिरोहों के खिलाफ एक खास रणनीति के तहत उनके सफाए का प्रयास किया जाएगा। मातहतों को भी सख्त निर्देश हैं कि जनता के साथ ऐसा कोई कार्य न करें जिससे पुलिस की छवि धूमिल हो।

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