scriptकटघरे में सिस्टम: भूख प्यास के संकट से जूझ रहा था कोल आदिवासी परिवार, ट्वीटर के माध्यम से हुई जानकारी जागा प्रशासन मिली मदद | untold story of kaul family from chitrakoot | Patrika News
चित्रकूट

कटघरे में सिस्टम: भूख प्यास के संकट से जूझ रहा था कोल आदिवासी परिवार, ट्वीटर के माध्यम से हुई जानकारी जागा प्रशासन मिली मदद

उस कोल आदिवासी परिवार के पास अनाज का एक भी दाना नहीं था। बेटा तीन दिनों से भूखा था।

चित्रकूटSep 26, 2019 / 01:21 pm

आकांक्षा सिंह

कटघरे में सिस्टम: भूख प्यास के संकट से जूझ रहा था कोल आदिवासी परिवार, ट्वीटर के माध्यम से हुई जानकारी जागा प्रशासन मिली मदद

कटघरे में सिस्टम: भूख प्यास के संकट से जूझ रहा था कोल आदिवासी परिवार, ट्वीटर के माध्यम से हुई जानकारी जागा प्रशासन मिली मदद

चित्रकूट. उस कोल आदिवासी परिवार के पास अनाज का एक भी दाना नहीं था। बेटा तीन दिनों से भूखा था। मामले की जानकारी जब कुछ समाजसेवियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हुई तो उन्होंने प्रशासन का ध्यान आदिवासी परिवार की इस त्रासदी की ओर आकृष्ट कराया। मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रशासन ने तत्काल परिवार को मदद मुहैया कराई। अब परिवार को अनाज उपलब्ध करवा दिया गया है।


नहीं था अनाज का एक भी दाना
मामला जनपद के मऊ ब्लाक अंतर्गत गांव गोइया का है। जहां फूलकली कोल नाम की आदिवासी महिला के घर में खाने को कुछ भी नहीं था। यहां तक की अनाज का एक भी दाना नहीं मौजूद नहीं था जानकारी के मुताबिक। उसका बेटा पिछले तीन दिनों से भूख से तड़प रहा था। पड़ोसियों से मदद मांगी तो उन्होंने भी मुंह मोड़ लिया अलबत्ता उसके टूटे फूटे घर पर कब्जा करने का प्रयास किया गया।


संज्ञान में आया मामला जागा प्रशासन
आदिवासी परिवार की स्थिति की जानकारी जब कुछ समाजसेवियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हुई तो उन्होंने मौके पर जाकर परिवार के हालात का जायजा लिया। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पंकज मिश्रा ने इस पूरे मामले की जानकारी ट्वीटर के माध्यम से जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय को दी। जिसके बाद डीएम ने तत्काल संज्ञान लेते हुए पीड़ित आदिवासी परिवार को मदद मुहैया कराने का आश्वासन देते हुए अधिकारीयों को मौके पर जाने का निर्देश दिया। डीएम के निर्देश पर पीड़ित परिवार को अनाज खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई।


सभी मूलभूत सुविधाओं से वंचित था परिवार
कांग्रेस जिलाध्यक्ष के मुताबिक इस आदिवासी परिवार के पास न तो राशन कार्ड है न आधार कार्ड और न ही मतदाता पहचान पत्र व निवास प्रमाणपत्र। बिल्कुल दयनीय स्थिति में है ये आदिवासी परिवार। घर भी एकदम जर्जर स्थिति में है जिसपर कब्जा करने वालों की गिद्ध निगाह लगी हुई है। पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे जिला अर्थ एवम् संख्याधिकारी ने भी स्वीकार्य किया कि परिवार के साथ कहीं न कहीं गलत हुआ तभी ऐसी दयनीय दशा है।


बड़ा बेटा आज तक नहीं लौटा
फूलकली का बड़ा बेटा बुद्धसेन कोल जो एक बाहर कमाने गया तो आज तक नहीं लौटा और न ही उसका कोई पता चल पाया है। जिसकी वजह से बुद्धसेन का पिता(फूलकली का पति) अर्ध विक्षिप्त हालत में पहुंच गया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष के मुताबिक गांव के ही कुछ लोग फूलकली के बड़े पुत्र बुद्धसेन कोल को कुछ साल पहले काम दिलाने के सिलसिले में अपने sath बाहर ले गए जिसके बाद आज तक उसका पता नहीं लगा। आरोप यह भी है कि जब बेटे के बारे में पिता ने पूछा तो उसे मारा पीटा गया। कांग्रेस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पीड़ित परिवार को तत्काल सभी मूलभूत सुविधाओं को देने की मांग जिम्मेदारों से की है।

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