गौरतलब है कि कांग्रेस नेता सुरेन्द्र सिंह जाडा़वत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत कराया था कि आने वाले समय में चित्तौडग़ढ़ विधानसभा क्षेत्र में भारी पेयजल संकट पैदा होने की आशंका है। जाड़ावत ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि विधानसभा क्षेत्र में चंबल परियोजना से पानी लाने की योजना को स्वीकृति दी जाए, ताकि यहां की पेयजल समस्या दूर हो सके। मुख्यमंत्री ने पेयजल संकट को देखते हुए तुरंत संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए और अब चित्तौडग़ढ़ विधानसभा क्षेत्र में चंबल परियोजना से पानी लाने के लिए डीपीआर बनाने और सर्वे का काम भी जल्द शुरू होने जा रहा है।
चित्तौडग़ढ़ व भदेसर पंचायत समिति क्षेत्र के लोग पीने के पानी के लिए भूमिगत जल पर निर्भर है। जो गर्मी के दिनों में लाइम स्टोन आदि के कारण सामान्यत: सूख जाता है। चित्तौडग़ढ़ पंचायत समिति के २२० व भदेसर पंचायत के ४५ गांवों को शामिल किया गया है। वर्ष २०२३ तक इस विधानसभा क्षेत्र में आबादी १६.०९ प्रतिशत बढकर करीब २ लाख ४७ हजार १६१ हो जाएगी। वर्ष २०३८ तक इस क्षेत्र में १६.०४ एमएलडी पानी की आवश्यकता होगी। वर्ष २०५३ तक विधानसभा क्षेत्र में ६१० एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होगी, लेकिन घोसुण्डा बांध में दो सौ एमसीएफटी व भैरड़ा माइंस से सौ एमसीएफटी पानी ही मिल पाएगा। चित्तौडग़ढ़ विधानसभा क्षेत्र की आबादी वर्ष २०५४ तक दोगुनी हो जाएगी। इससे पानी की मांग बढेगी, लेकिन जल संसाधन सीमित होने से भयंकर जल संकट पैदा होने को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश और जाड़ावत के प्रयासों से यह काम संभव हो पाया है।