बंदियों से खचाखच मिला जिला कारागृह
मुख्यालय स्थित जिला कारागृह अब भी ओवर क्राउड से मुक्त नहीं हो पा रहा है। कारागृह में ३३८ बंदियों को रखने की क्षमता है और शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव की ओर से किए गए औचक निरीक्षण में यहां ५७० बंदी पाए गए है, जो क्षमता के मुकाबले डेढ गुणा से भी ज्यादा है।
बंदियों से खचाखच मिला जिला कारागृह
चित्तौडग़ढ़
मुख्यालय स्थित जिला कारागृह अब भी ओवर क्राउड से मुक्त नहीं हो पा रहा है। कारागृह में ३३८ बंदियों को रखने की क्षमता है और शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव की ओर से किए गए औचक निरीक्षण में यहां ५७० बंदी पाए गए है, जो क्षमता के मुकाबले डेढ गुणा से भी ज्यादा है।
प्राधिकरण सचिव भानू कुमार को जेलर ने बताया कि अभी कारागृह में कुल 570 बंदी निरूद्व हैं। इस कारागृह में निरूद्व 7 वर्ष के कम सजा अवधि के बंदियों, सभी महिला बंदियों एवं मानसिक बंदियों के जमानत, अंतरिम जमानत के लिए आवेदन न्यायालयों में पेश किए जा चुके हंै। समय-समय पर उच्चतम न्यायालय की ओर से जारी आदेशों की पालना की जा रही है। कारागृह मे क्षमता से अधिक बंदी होने के कारण 50 बंदियों को जिला कारागृह टोंक भिजवाया गया है। अन्य 150 बंदियों को स्थानांतरित करने के लिए उप महानिरीक्षक कारागार रेंज उदयपुर से पत्र व्यवहार किया गया है। कारागृह में सभी बंदियों को जेल नियमानुसार भोजन एवं नाश्ता उपलब्ध कराया जा रहा है। कारागृह में 551 बंदियों का कोविड-19 का पहला टीका व 91 बंदियों को दूसरा टीका लगाया जा चुका है। नए बंदी आने पर टीकाकरण के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी चित्तौडग़ढ़ से पत्र व्यवहार किया गया है। प्राधिकरण सचिव ने वीसी रूम का भी निरीक्षण किया। सचिव ने जेलर को निर्देश दिए कि जहां तक संभव हो बंदियों की पेशी वीसी के जरिए ही करवाई जाए। उन्होंने कारागृह में स्थित महिला बैरक का भी निरीक्षण किया। महिलाओं से उनको दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। कारागृह अधीक्षक ने बताया कि कारागृह मे महिला बंदी भी है। जिनके उपचार के लिए महिला चिकित्सक या महिला नर्स की नियमित नियुक्ति की आवश्यकता है। कारागृह अधीक्षक को संबंधित विभाग से पत्राचार करने के निर्देश दिए गए।
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