स्वाधीनता दिवस के साथ रक्षाबंधन पर्व आने का संयोग १९ वर्ष बाद फिर इस बार आया है। पंडित अरविंद भट्ट ने बताया है कि रक्षाबंधन पर्व वर्ष 2000 में भी १५ अगस्त को मिला था। उस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा थी लेकिन इस बार यह रक्षाबंधन भद्रा से मुक्त रहेगा। इस बार भद्रा नहीं होने से बहने कभी भी शुभ मुहुर्त में राखी बांध सकेगी।
रक्षाबंधन पर्व यूं तो भारतीय समाज के हर वर्ग में उत्साह से मनाया जाता है लेकिन चित्तौैडग़ढ़ के साथ इसका विशेष संयोग भी है। रक्षाबंधन से जुड़े उदाहरणों में मुगल काल में चित्तौडग़ढ़ की महारानी कर्णावती द्वारा तत्कालीन मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजने का उदाहरण भी प्रमुखता से दिया जाता है। ये उदाहरण बहन-भाई के रिश्ते धर्म व सरहद की सीमाओं से परे होने का प्रतीेक भी है। मान्यता है कि चित्तौडग़ढ़ के तत्कालीन शासक महाराणा सांगा की मृत्यु के बाद वर्ष १५३४ में गुजरात के बहादुरशाह ने चित्तौड़ दुर्ग पर आक्रमण किया।उस समय रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजी कि रक्षा करें। हुमायूं सेना लेकर आया तब तक आताताईयों से अपने सतीत्व की रक्षा के लिए कर्णावती अन्य महिलाओं का जौहर हो चुका था।