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चित्तौड़गढ़

कार्यालयों में अधिकारी क्यों करने लगे बाबू जैसे काम

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की ओर से शुक्रवार को तीसरे दिन भी कार्य बहिष्कार धरना जारी रहा

चित्तौड़गढ़Sep 07, 2018 / 01:22 pm

Nilesh Kumar Kathed

chittorgarh

चित्तौडग़ढ़ में रैली निकाल प्रदर्शन करते मंत्रालयिक कर्मचारी।



चित्तौडग़ढ़. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की ओर से शुक्रवार को तीसरे दिन भी कार्य बहिष्कार धरना जारी रहा। मंत्रालयिक कर्मचारियों के हड़ताल के चलते कई सरकारी योजनाओं सहित कई कार्य प्रभावित हुए। उच्च अधिकारियों द्वारा सूचना मांगने पर लिपिकों के नहीं होने से अधिकारियों को ही सूचना निकाल कर भेजने के साथ कई काम बाबूओं के भी करने पड़े। जिले में लगभग २०-२५ विभागों में कार्य प्रभावित हुए। जिसमें आमजन से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों के प्रभावित होने से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जिलाध्यक्ष राकेश मोड़ के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम 9 सूत्रीय मांगपत्र दिया गया। जिलाध्यक्ष मौड़ ने बताया कि कार्य बहिष्कार मांग पत्र स्वीकार होने तक जारी रखने का निर्णय लिया है।
रैली लेकर पहुंचे ज्ञापन देने
महासंघ के जिलाध्यक्ष मौड़ ने बताया कि विभिन्न मांगों को लेकर सभी मंत्रालयिक कर्मचारी गुरुवार को मेजर नटवर सिहं स्कूल में एकत्रित हुए। उसके बाद सभी कर्मचारी रैली के रुप में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचें। वहंा पर कलेक्ट्रेट पार्क में बैठक हुई। बैठक में मंत्रालयिक कर्मचारियों ने राज्य सरकार के द्वारा सातवें वेतन आयोग में किए गए केडर विरोधी निर्णयों तथा वेतन वसूली जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
इन विभागों में हुआ कार्य प्रभावित
शिक्षा विभाग: जिले में सर्वाधिक मंत्रालयिक कर्मचारी शिक्षा विभाग में लगे हुए है। कार्यबहिष्कार से बजट का काम, छात्रवृत्ति, प्रतियोगिता क्रिडा शुल्क, राजस्थान संपर्क पोर्टल शिकायत निवारण संबंधी सूचना सहित कई कार्य प्रभावित हुए।
पंचायत राज: कार्यबहिष्कार के चलते पेंशन, शौचालयों का भुगतान, आवास भुगतान, मनरेगा में लैबर नहीं लगी सहित कई कार्य,
जीपीएफ: लोन क्लेम, सेवानिवृत्ति का भुगतान सहित अन्य लोन भुगतान का कार्य प्रभावित हुआ।
यूआईटी: भूमि रूपान्तरण संबंधी काम प्रभावित हुए।
महिला एवं बाल विकास विभाग: आंगनबाड़ी केंद्रों पर भुगतान संबंधी कार्यप्रभावित हुए।
चिकित्सा: मरीजों की जांच रिपोर्ट सहित अन्य कार्य प्रभावित हुए।
इन विभागों में भी हुआ कार्यप्रभावित: आयुर्वेद, भू-जल, श्रम विभाग, संस्थान, कॉलेज शिक्षा, समाज कल्याण विभाग, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, कृषि विभाग, वाणिज्य कर सहित कई विभाग इसमें शामिल है।

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