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चित्तौड़गढ़

विकास के मुद्दे हुए गौण, आरोप-प्रत्यारोप का जोर

छात्रसंघ चुनाव-2019 में प्रत्याशियों की नाम वापसी के बाद प्रत्याशियों की तस्वीर साफ होने के साथ चुनाव प्रचार भी तेज हो गया है। चुनाव में विद्यार्थी परिषद एवं एनएसयूआई प्रत्याशियों में सीधी टक्कर की स्थिति बन गई है।

चित्तौड़गढ़Aug 24, 2019 / 11:38 pm

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विकास के मुद्दे हुए गौण, आरोप-प्रत्यारोप का जोर

चित्तौडग़ढ़. छात्रसंघ चुनाव-2019 में प्रत्याशियों की नाम वापसी के बाद प्रत्याशियों की तस्वीर साफ होने के साथ चुनाव प्रचार भी तेज हो गया है। चुनाव में विद्यार्थी परिषद एवं एनएसयूआई प्रत्याशियों में सीधी टक्कर की स्थिति बन गई है। चुनाव को लेकर प्रत्याशी समर्थकों के साथ गांव-गांव में जाकर एक-एक मतदाता से सम्पर्क में जुट गए है। प्रचार अभियान में कॉलेज विकास के मुद्दे गौण एवं आरोप-प्रत्यारोप पर जोर है। दोनों ही छात्र संगठनों के प्रत्याशी कार्ययोजना बताने से अधिक जोर दूसरे की नाकामियां व खामियां गिनाने पर लगा रहे है। महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मुख्य निवार्चन अधिकारी आरएस पंवार ने बताया कि छात्रसंघ चुनाव को लेकर तैयारियां की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने अभी तक परिचय पत्र नहीं लिया है वो विद्यार्थी रविवार को 11 बजे से दोपहर दो बजे तक कॉलेज से प्रवेश पत्र प्राप्त कर सकते है। उसके बाद प्रवेश पत्र नहीं दिया जाएगा और मतदान करने से भी वंचित रह जाएंगे। 27 अगस्त को सुबह आठ बजे से एक बजे तक मतदान होगा। 28 को सुबह ११ बजे से मतगणा शुरु होगी।
दो प्रत्याशियों के प्रवेश निरस्त करने की मांग

महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज के एनएसयूआई अध्यक्ष पद के प्रत्याशी दिग्विजयसिंह चौहान द्वारा विद्यार्थी परिषद के दो प्रत्याशियों के नामांकन खारिज करने की मांग मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा खारिज करने के बाद शनिवार को फिर से ये मांग उठाई गई। अब नामांकन की जगह इन अभ्यर्थियों के प्रवेश ही निरस्त करने की मांग की गई। एनएसयूआई से जुड़ी निवर्तमान महासचिव ललिता रैगर ने प्राचार्य को पत्र लिखकर परिषद के उपाध्यक्ष कृतिका जोशी व संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी जमनालाल गाडरी का प्रवेश निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दोनों प्रत्यशी वर्तमान में नियमित विद्यार्थी है लेकिन प्रथम वर्ष के दौरान नियमित विद्यार्थी के तौर पर प्रवेश नहीं लिया था। नियमों के तहत ऐसा होना जरूरी है। उस वर्ष की वरियता सूची और प्रतीक्षा सूची में इनका नाम नहीं था। उन्होंने फर्जी तरीके से प्रथम वर्ष में नियमित प्रवेश लेने का आरोप लगाया।
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