इसके लिए एसपीजी टीम ने मंगलवार को यहां पहुंच सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। प्रशासनिक व पुलिस स्तर पर सुरक्षा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है तो भाजपा के प्रदेश प्रभारी अविनाशराय खन्ना (
Avinash Rai Khanna ) व प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी (
Madan Lal Saini ) भी तैयारियों का जायजा लेने आ चुके हैं। भाजपा ने मोदी की सभा में एक लाख से अधिक लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य संसदीय क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को दिया है। संसदीय क्षेत्र में चित्तौडग़ढ़ जिले के पांचों विधानसभा क्षेत्रों के साथ प्रतापगढ़ एवं उदयपुर जिले की मावली व वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है।
क्यों हुआ चित्तौडग़ढ़ का चयन राज्य में चित्तौडग़ढ़ एतिहासिक व राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। मेवाड़ की राजनीति का केन्द्र भी इसे माना जाता रहा है। माना जाता है कि चित्तौडग़ढ़ से बनने वाले माहौल का असर पूरे मेवाड़ क्षेत्र में जाता है। इस कारण भी राजनीतिक दलों की नजर में चित्तौडग़ढ़ का स्थान अहम है। विश्व धरोहर चित्तौड़ दुर्ग के साथ सांवलियाजी जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी इसी जिले में शामिल है। कुछ माह पूर्व विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चित्तौडग़ढ़ नहीं आ पाने से इस बार उनके दौरा कार्यक्रम में चित्तौडग़ढ़ को प्राथमिकता दी गई।
क्या है चित्तौडग़ढ़ में चुनावी मुद्दें चित्तौडग़ढ़ संसदीय क्षेत्र में चुनाव में दस प्रत्याशी मैदान में है लेकिन मुय मुकाबला भाजपा के सीपी जोशी एवं कांग्रेस के गोपालसिंह शेखावत (ईडवा) के मध्य है। चित्तौडग़ढ़ संसदीय क्षेत्र में राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय स्तर पर पर्यटन विकास व रेल सुविधाओं का विकास भी बड़ा मुद्दा बना हुआ है। जिले में कोई बड़ा उच्च शिक्षा केन्द्र व मेडिकल कॉलेज नहीं होना भी चुनाव में मुद्दा बन रहा है। चुनाव आचार संहिता के चलते प्रधानमंत्री द्वारा कोई सौगात मिलने की उमीद तो नहीं है लेकिन उनके उद्बोधन में इन मुद्दों का जिक्र होने की उमीद लोग लगा रहे है।
करीब साढ़े पांच वर्ष बाद फिर चित्तौड़ आगमन प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी पहली बार चित्तौडग़ढ़ आएंगे। उनका यहां आखिरी बार आगमन 24 नवबर 2013 को विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए हुआ था। उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ वे भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम में सभा संबोधित करने आए थे। तय समय से करीब तीन घंटे विलंब से आए मोदी ने 36 मिनट तक संबोधित किया था।