सीमेन्ट प्लान्ट के कूलिंग प्लांट में भीषण आग, डेढ़ करोड़ का नुकसान
शहर के उपनगर चंदेरिया क्षेत्र में स्थित बिरला सीमेंट वक्र्स के कूलिंग टावर में सोमवार शाम भीषण आग लग गई। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
सीमेन्ट प्लान्ट के कूलिंग प्लांट में भीषण आग, डेढ़ करोड़ का नुकसान
चित्तौडग़ढ़. शहर के उपनगर चंदेरिया क्षेत्र में स्थित बिरला सीमेंट वक्र्स के कूलिंग टावर में सोमवार शाम भीषण आग लग गई। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग से करीब डेढ़ करोड़ रूपए का नुकसान होने का अनुमान है।
सीमेन्ट प्लान्ट में सोमवार शाम करीब साढ़े चार बजे कूलिंग टावर से धुआं उठता दिखाई दिया जो देखते ही देखते आग की लपटों में तब्दील हो गया। अचानक आग लगने से वहां एक बारगी अफरा-तफरी का माहौल हो गया, लेकिन तुरंत ही कंपनी के उपाध्यक्ष (उत्पादन) दिनेश कुमार, सहायक उपाध्यक्ष एसएन साहू व डिप्टी मैनेजर अनिल शर्मा मौके पर पहुंचे। नगर परिषद से दो दमकल, हिन्दुस्तान जिंक से एक दमकल तथा बिरला सीमेंट की दमकल ने मौके पर पहुंच आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू किए। शाम साढे छह बजे तक आग पर काबू पा लिया गया। चार दमकल ने करीब बीस राउण्ड के बाद आग पर काबू पाया। उपाध्यक्ष (उत्पादन) दिनेश कुमार ने बताया कि आग लगने से प्रारंभिक तौर पर करीब डेढ़ करोड़ रूपए का नुकसान होने का अनुमान है। आग की सूचना कोलकात्ता स्थित कंपनी के मुख्यालय पर भी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि कूलिंग टावर में वेस्ट हीट को रिकवर कर विद्युत उत्पादन का काम होता है। इसमें प्रतिदिन साढ़े छह से सात मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। आग लगने से विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ है। टावर में लगी फाइबर की सामग्री भी जलकर नष्ट हो गई। उन्होंने बताया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट होना सामने आया है।
कोई कर्मचारी नहीं होने से बच गए जनहानि से
गनीमत रहीं कि आग लगने के दौरान कूलिंग टावर में कोई कर्मचारी काम नहीं कर रहा था वरना बड़ा हादसा हो सकता था। रख-रखाव के चलते टावर बंद था। आग इतनी भीषण थी कि इससे उठने वाला धुआं और आग की लपटें दूर-दूर तक दिखाई दे रही थी। उपाध्यक्ष उत्पादन ने बताया कि आग लगने से सीमेंट उत्पादन प्रभावित नहीं होगा, क्यों कि कंपनी के पास इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की हुई है, लेकिन टावर में होने वाला विद्युत उत्पादन जरूर बंद हो गया है।