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चित्तौड़गढ़

कुछ भरे, कुछ में रिते, अब भी आस अधूरी

चित्तौडग़ढ़. जिले में भले ही गत वर्ष के मुकाबले करीब ८७ प्रतिशत बरसात भले ही हो गई हो लेकिन किसानों की आस अब भी अधूरी पड़ी है। वहीं शहर की प्यास बुझाने वाले घोसुंडा बांध में भी इस बार पर्याप्त पानी नहीं होने से जलसंकट का खतरा अभी तक टला नहीं है। जिले के कुछ बांधों को छोड़ दे तो जिले के १२ बांध एवं २० तालाब अब भी रिते है। ऐसे में किसानों को भी यह चिन्ता सता रही है

चित्तौड़गढ़Sep 24, 2021 / 07:27 pm

Avinash Chaturvedi

कुछ भरे, कुछ में रिते, अब भी आस अधूरी

कुछ भरे, कुछ में रिते, अब भी आस अधूरी

चित्तौडग़ढ़. जिले में भले ही गत वर्ष के मुकाबले करीब ८७ प्रतिशत बरसात भले ही हो गई हो लेकिन किसानों की आस अब भी अधूरी पड़ी है। वहीं शहर की प्यास बुझाने वाले घोसुंडा बांध में भी इस बार पर्याप्त पानी नहीं होने से जलसंकट का खतरा अभी तक टला नहीं है। जिले के कुछ बांधों को छोड़ दे तो जिले के १२ बांध एवं २० तालाब अब भी रिते है। ऐसे में किसानों को भी यह चिन्ता सता रही है कि आगे क्या होगा। जिले में पूरा सावन लगभग सूखा निकल गया लेकिन भादों में मेघों ने मेहर बरसाई। इस दौरान कई बांधों एवं तालाबों में पानी की अच्छी आवक हुई। लेकिन इसके बाद जिले के एक दो बांध को छोड़ दो तो किसी में भी साल भर जितना पानी नहीं आया है।
शहर की भी प्यास अधूरी
जिला मुख्यालय के निकट हिन्दुस्तान जिंक के अधीन बना घोसुंडा बांध से ही चित्तौडग़ढ़ शहर की प्यास बुझाई जाती है लेकिन इस वर्ष घोसुंडा के खाली होने से शहर में पानी का संकट आ गया था, इसके बाद अब तक ३० फीट की क्षमता वाले बांध में अब तक केवल करीब ७ फीट पानी आया है। ऐसे में शहर की प्यास बुझाने के लिए भी प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ेगी।
किसानों की बढ़ रही है चिन्ता
मानसून का काफी समय बीत जाने के बाद भी अब तक जिले के एक दर्जन बांध और २० तालाब अब भी खाली है। ऐसे में किसानों को चिन्ता सता रही है कि आगामी फसलों में वे पानी के लिए कहां से व्यवस्था करेंगे।
इन बांधों में आया पानी
गंभीरी बांध- २२.३० फीट, वागन- ७.२१ फीट, ओराई बांध- ३०.९० फीट, बस्सी बांध- १० फीट, बाडी मानसरोवर बांध-७.५० फीट, डोराई बांध- १६.९० फीट, घोसुण्डा बांध- ७ फीट, मातृकुण्डिया बांध- ७ फीट
ये बांध रहे खाली
भूपालसागर, रूपारेल, मुरलिया, बनाकिया, हिन्डोली, कपासन, सोनियान, सांवरिया सरोवर, ऊंचकिया, बोरदा, सालेरा, पिण्ड

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