नींद में थी सोसर, घर में घुसकर देवर के बेटे ने गला दबाकर की थी हत्या
जिले के निकुंभ थानान्तर्गत साल का खेड़ा गांव में रहने वाली वृद्धा की हत्या के मामले में पुलिस ने सभी तथ्यों का खुलासा कर दिया है। घटना वाले दिन मृतका सोसर रात को अपने घर में सोई हुई थी। आरोपी दलीचंद रात को उसके घर गया और नींद में सोई अपनी ताई की गला दबाकर हत्या कर दी। बाद में अपने भाई व दोस्त के सहयोग से शव को लुगड़ी में बांधकर रोड़ी तक ले गया और वहां कुल्हाड़ी से उसके पैर काटकर चांदी की कडिय़ां निकालने के बाद शव रोड़ी में दबा दिया।
नींद में थी सोसर, घर में घुसकर देवर के बेटे ने गला दबाकर की थी हत्या
चित्तौडग़ढ़
जिले के निकुंभ थानान्तर्गत साल का खेड़ा गांव में रहने वाली वृद्धा की हत्या के मामले में पुलिस ने सभी तथ्यों का खुलासा कर दिया है। घटना वाले दिन मृतका सोसर रात को अपने घर में सोई हुई थी। आरोपी दलीचंद रात को उसके घर गया और नींद में सोई अपनी ताई की गला दबाकर हत्या कर दी। बाद में अपने भाई व दोस्त के सहयोग से शव को लुगड़ी में बांधकर रोड़ी तक ले गया और वहां कुल्हाड़ी से उसके पैर काटकर चांदी की कडिय़ां निकालने के बाद शव रोड़ी में दबा दिया।
निकुंभ थानाधिकारी प्रभुलाल ने बताया कि साल का खेड़ा निवासी शंभूलाल (२४) पुत्र स्व. गोटू गायरी ने २७ अगस्त २०१९ को निकुंभ थाने में रिपोर्ट दी कि वह १६ अगस्त को पैदल यात्रा पर रामदेवरा चला गया था। उसकी पत्नी भी पीहर चली गई थी। जबकि छोटा भाई भैरू परिवार सहित पूना में रहता है। प्रार्थी २७ अगस्त को यात्रा पूरी कर घर लौटा तो उसकी मां सोसर (५५) नहीं मिली। शंभूलाल ने रिपोर्ट में मां की हत्या की आशंका जताते हुए अपने ही चचेरे भाई दलीचंद पुत्र नारू गायरी, लेहरूलाल पुत्र नारू गायरी व हीरालाल पुत्र नारू गायरी पर संदेह जताया था। पुलिस ने इस संबंध में सोसर के देवर के बेटे दलीचंद पुत्र नारू गायरी से पूछताछ की तो उसने बताया कि जमीन विवाद के चलते उसने योजना तैयार कर मध्यप्रदेश में रतलाम जिले के शिवगढ़ गांव में रहने वाले अपने दोस्त जवानसिंह पुत्र समरथलाल गुर्जर को साल का खेड़ा बुला लिया था। पुलिस ने इस मामले में जवानसिंह व दलीचंद के भाई लेहरू को भी गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि दलीचंद का सोसर से अच्छा व्यवहार था और सोसर के घर उसका आना जाना भी था। घटना की रात सोसर अपने घर में गहरी नींद में थी, तभी दलीचंद ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद अपने भाई लेहरू व दोस्त जवानसिंह के सहयोग से शव को लुगड़ी में बांध कर रोड़ी पर ले गया था, जहां कुल्हाड़ी से सोसर के घुटने से नीचे के दोनों पैर काटकर चांदी की कडिय़ां निकाल ली थी। शव के साथ ही काटे गए पैरों को भी रोड़ी में दबा दिया था।
जमीन में गाड़ दी थी कडिय़ां
रिमाण्ड के दौरान आरोपी दलीचंद ने पुलिस के बताया कि उसने चांदी की कडिय़ां अपने मकान के पीछे बने बाड़े में जमीन में गाड़ दी थी। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर जमीन में गड़ी चांदी की कडिय़ां बरामद कर ली है। पुलिस ने शुक्रवार को मृतका के सोने के कान के टॉप्स व मांदलिया आरोपी दलीचंद के रिहायसी घर से तथा पैर काटने में काम ली गई कुल्हाड़ी उसके बाड़े से बरामद कर ली। पुलिस ने हत्या के बाद शव रोड़ी तक ले जाने में काम ली गई मोटरसाइकिल भी जब्त कर ली है।
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