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दूध के कर्ज में डूबे शिक्षक: 3 माह से बजट नहीं

locationचित्तौड़गढ़Published: Apr 22, 2019 11:15:13 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

सरकारी स्कूल में कक्षा एक से आठ तक पढऩे वाले बच्चों को अच्छी सेहत के नाम पर मिड-डे-मिल में अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत दूध पिलाना शुरु किया गया। इस योजना के लिए राज्य सरकार से पिछले तीन माह से बजट नहीं आने से शिक्षक उधार दूध लाकर बच्चों को पिला खुद कर्ज में डूब गए है। चित्तौडग़ढ़ जिले में ही शिक्षकों पर करीब ४ करोड़ २० लाख रुपए का कर्ज हो गया है।

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दूध के कर्ज में डूबे शिक्षक: 3 माह से बजट नहीं

चित्तौडग़ढ़. सरकारी स्कूल में कक्षा एक से आठ तक पढऩे वाले बच्चों को अच्छी सेहत के नाम पर मिड-डे-मिल में अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत दूध पिलाना शुरु किया गया। इस योजना के लिए राज्य सरकार से पिछले तीन माह से बजट नहीं आने से शिक्षक उधार दूध लाकर बच्चों को पिला खुद कर्ज में डूब गए है। चित्तौडग़ढ़ जिले में ही शिक्षकों पर करीब ४ करोड़ २० लाख रुपए का कर्ज हो गया है।
कर्जा अधिक हो जाने से अब तो दूध वाले भी उधार देने से मना करने लगे है। ऐसे हालात में स्कूलों में शिक्षक मिड डे मील प्रभाारी बनने में भी आनाकानी करने लगे है।
बिना बजट राशि आवंटन बच्चों को नियमित दूध कैसे पिलाया जाए ये भी शिक्षक नहीं समझ पा रहे है। सर्वाधिक समस्या ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में आ रही है जहां तीन माह तक पैसे नहीं मिलने से दूध वाले भी आपूर्ति करने से कतराने लगे है। दूध विक्रेता भुगतान नहीं मिलने पर दूध देना बंद करने की चेतावनी दे रहे है तो शिक्षकों को जेब से भी रुपए देने पड़ रहे है। जिले के स्कूलों से चार करोड़ २० रुपए की डिमांड विभाग को आई है।
मिड-डे-मिल के ३.९१ करोड़ रुपए बकाया
चित्तौड़ जिले सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मिल के लगभग ३ करोड़ ९१ लाख रुपए बकाया चल है। सरकार द्वार मिड-डे-मिल की कुछ सामग्री तो दी जाती है लेकिन सब्जियां, मसालें सहित कई सामान बाजार से खरीद के लाने पड़ते है।
ऐेसे में दुकानदारों को नकद भुगतान करना पड़ता है, जिससे शिक्षकों को अपनी जेब से भुगतान करना पड़ता है। स्कूलों में खाना बनाने वाली कुक कम हेल्पर के भी ७५ लाख से अधिक रुपए बकाया चल रहे है।

जल्द जारी करेंगे बजट
अन्नपूर्णा दूध योजना में स्कूलों में बजट जारी करने का कार्य चल रहा है। जल्द ही जिला कलक्टर से स्वीकृति लेकर बजट जारी कर देंगे।
राधेश्याम मीना, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, चित्तौडग़ढ
तीन माह से बजट नहीं आने से दूध विक्रेताओं और दुकानदारों ने उधार देना बंद कर दिया है। शिक्षकों को जेब से रुपए खर्च कर योजना चलानी पड़ रही है। ऐसे में शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट बढ़ गया है। दो-तीन दिन में बजट जारी नहीं हुआ शिक्षक संघ आंदोलन करेगा।
कालूराम खटीक, संभाग महामंत्री शिक्षक संघ (प्रगतिशील) चित्तौडग़ढ़
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